दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में खाप पंचायतों को प्रतिबंधित करने के मामले में दायर पीआईएल पर जीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही थी। पीआईएल में कहा गया कि एक ही गोत्र, अंतरजातीय विवाह और अंतरधार्मिक विवाह करने पर खाप पंचायतें ऑनर किलिंग को बढ़ावा दे रही हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने खाप के खिलाफ एक सख्त लाइन अपनाई थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दो सहमत व्यस्कों के बीच अंतरजातीय और अन्तरभेद विवाह के बीच में खाप को दखल देने का अधिकार नहीं है। इसको लेकर ही लेकर यह ऐलान सामने आया है, जिसमें उनकी नाराजगी दिख रही है।
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देखें वीडियो- मंडप छोड़कर पेपर देने पहुंची दुल्हन कोर्ट के फैसले पर जताया असंतोष बुधवार को मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि लड़की अपनी मर्जी से क्यों शादी करेगी। उसकी पढ़ाई लिखाई उन्होंने कराई तो वह खुद कैसे शादी कर लेगी। उन्होंने कोर्ट के फैसले को गलत बताया और कहा कि वह उसे नहीं मानेंगे। अगर इस तरह के आदेश पारित होते हैं तो वे न तो लड़कियां पैदा करेंगे और न ही लड़कियों को पैदा होने देंगे। यही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि लड़कियों को वे उतनी पढ़ाई नहीं करने देंगे जिससे वे खुद फैसले लेना शुरू कर दें।