प्रबोधानन्द मुजफ्फरनगर के कृष्णा पुरी कॉलोनी में हिंदू रक्षा सेना के नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह राणा के आवास पर पहुंच कर मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने मुस्लिमों के खिलाफ जमकर जहर उगला। हिंदुओं की रक्षा पर बोलते हुए कहा कि मैंने आपको पहले भी कहा है देश के सारे नेता अपने आप को सेक्यूलर बनने के फैशन में लगे हैं। यह कहा जा सकता है कि सेकुलर नेता होने का कंपटीशन चल पड़ा है। इस मौके पर उन्होंने सेक्यूलर की अपनी परिभाषा बताते हुए कहा कि सेकुलर का अर्थ है, हिंदू के खिलाफ काम करना। ऐसी परिस्थिति में हिंदू को स्वयं खड़े होकर अपने अस्तित्व को बचाना पड़ेगा। किसी नेता, किसी नेता के भरोसे हिंदू बचेगा ही नहीं। यह भूलना पड़ेगा। हिंदू को स्वयं खड़ा होना पड़ेगा और स्वयं खड़ा होने के लिए कोई संगठन चाहिए। संगठन के लिए हिंदू रक्षा सेना मैदान में आई है। हम प्रत्येक हिंदू परिवार के घर जाएंगे और उसमें से कम से कम एक व्यक्ति हिंदू संगठन से जोड़ेंगे। उनको यह बताएंगे कि जिन सेक्यूलर नेताओं के प्रभाव में आकर आप लोग मुसलमानों को संरक्षण देते रहे और वह मुसलमान क्या है। उन्होंने जहर उगलते हुए कहा कि एक -क मुसलमान देशद्रोही है। एक-एक मुसलमान हिंदू राष्ट्र का विरोधी है और एक-एक मुसलमान आतंकवादी है। कोई भी भारत में मुसलमान आतंकवादी ना हो यह संभव नहीं है। अर्थात एक एक मुसलमान आतंकवादी है और पैदा होता है और होता रहेगा, क्योंकि वह उनकी पद्धति है। उनको केवल आतंकवादी बनाने की और ऐसी परिस्थिति में मुसलमान आतंकवाद की तरफ बढ़ रहा है। नेता सेक्यूलरवाद की तरफ बढ़ रहा है। यह दोनों हिंदुओं को समाप्त करने की योजना में है। ऐसे में केवल हिंदुओं को खड़ा होना ही उनके लिए रास्ता है, बाकी कोई रास्तानहीं है।
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इस अवसर पर उन्होंने जय भीम और जय मीम के बारे में बोलते हुए कहा कि जो गठजोड़ की बात है, यह नेचुरल नहीं है। अगर नेचुरल होता तो किसी भी मुस्लिम मोहल्ले में अंबेडकर की मूर्ति लगाकर देख लो। अगर किसी भी मुस्लिम मोहल्ले में मूर्ति रह जाए तो। यह तो केवल जय भीम का नारा देकर हरिजनों को बहलाकर बरगलाकर वोट बैंक बनाना चाहते हैं। उन्होंने इस मौके पर सेक्यूलर नेताओं को भी खूब खरीखोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि जो मुसलमान वोट बैंक की राजनीति 1947 से आज तक कांग्रेस चला रही थी। वह राजनीति इस बार फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि इस राजनीति के फेल होने का कारण देश का मुस्लिम सम्मान है। जो सेक्यूलर नेता है, उनको बड़ी परेशानी हुई है। इसके कारण से उन्होंने प्रयास किया है हरिजन मुस्लिम गठजोड़ हो जाए, इसलिए रोज नारे देते हैं। वह नारा बहुत ज्यादा सक्सेस नहीं हो सकता, क्योंकि कभी भी मुसलमान को स्वीकार नहीं कर सकता उस को सम्मान नहीं दे सकता।