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दरअसल मामला थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव निराना का है, जहां पिछले दिनों गांव में एक गांव में बारात आई थी। इस दौरान असामाजिक तत्वों ने बारात में घुसकर कुछ लोगों के साथ जमकर मारपीट की थी। पीड़ित की तहरीर पर थाने में मुकदमा दर्ज हो गया था, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी सिखेड़ा पुलिस ने न तो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोई दबिश दी और न ही किसी को गिरफ्तार किया। वहीं पीड़ितों का आरोप है कि हल्का इंचार्ज दरोगा आरोपियों के परिजनों को अपने साथ बाइक पर बैठाकर गांव में घुमाता है। साथ ही ये असामाजिक तत्व गांव में बने कब्रिस्तान में क्रिकेट खेलते हैं और जानबूझकर घर में गेंद डालते हैं। फिर दीवारें कूदकर हमारे घर में घुसते हैं और हम मना करते हैं तो हमसे गाली-गलौच करते हुए मारपीट करते हैं।
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असामाजिक तत्वों की इन्हीं हरकतों से तंग आकर इन पीड़ित परिवारों ने अपने घरों के बाहर यह मकान बिकाऊ लिखकर गांव से पलायन करने की मजबूरी बताई है। पलायन की सूचना मिलते ही मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एसपी सिटी पुलिस फोर्स के साथ गांव में पहुचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही सिखेड़ा थाना इंचार्ज विक्रम सिंह को तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आदेश दिए।
वहीं पीड़ित परिवार की लड़की का कहना है कि पहले तो हमारी इन असामाजिक तत्वों के कारण पढ़ाई छूट गयी थी। अब घर छूट रहा है। वहीं पीड़ित परिवारों की महिलाओं का कहना है कि हम मजबूर हो गए हैं घर छोड़ने के लिए क्योंकि ये हमें बहुत परेशान करते हैं, छेड़छाड़ करते हैं। इससे अच्छा है कि हम गांव ही छोड़ दें। वहीं पुलिस अधिकारी ओमवीर सिंह ने बताया कि इन असमाजिक तत्वों की गिरफ्तारी के लिए निर्देशित दिए गए हैं, साथ ही लोगों को समझा गया है।