दरअसल, मामला मुजफ्फरनगर के थाना शाहपुर क्षेत्र स्थित गांव सोरम का है। जहां जिला प्रशासन की तरफ से किसान चौपाल का आयोजन किया गया था। इस किसान चौपाल में जिलाधिकारी किसानों की समस्याएं सुन रही थीं। इस दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में पात्र किसानों की सूची में गड़बड़ी की शिकायत मिली। इसी शिकायत पर जिलाधिकारी ने हलका लेखपाल से किसानों की सूची तलब की तो लेखपाल सूची नहीं दिखा पाए। इसके बाद एसडीएम बुढ़ाना दीपक कुमार से जिलाधिकारी ने जवाब तलब किया, लेकिन वह भी कोई सटीक जवाब नहीं दे पाए। इस पर जिलाधिकारी ने किसान चौपाल के बीच एसडीएम बुढ़ाना दीपक कुमार को भीड़ के सामने ही यू कैन गो कह दिया और सरकारी कार व सरकारी अमला छोड़ चले जाने को कहते हुए जमकर फटकार लगाई।
डीएम की फटकार के बाद एसडीएम बुढ़ाना सरकारी कार व सरकारी अमला छोड़ प्राइवेट कार से चले गए। डीएम ने गांव लेखपाल व गांव के राशन डीलर को भी सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं शिकायत पर डीएम ने गांव के एक डीलर को भी पुलिस के हवाले कर दिया। डीएम ने राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के साथ ही अपात्र लोगों की भी जांच के आदेश दिए। उपजिलाधिकारी बुढ़ाना दीपक कुमार के साथ हुए इस घटनाक्रम के बाद राजनीति हलकों में तो हड़कंप मचा है। वहीं कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी मची हुई है। गौरतलब है कि एसडीएम बुढ़ाना को बुढ़ाना से भाजपा विधायक उमेश मलिक का निकटवर्ती अधिकारी बताया जाता है।
बता दें कि इस दौरान जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के साथ एसडीएम बुढ़ाना दीपक कुमार, समाज कल्याण अधिकारी अर्चना, बाल विकास अधिकारी वाणी वर्मा, बीएसए रामसागर पति त्रिपाठी, डिप्टी सीएमओ डाॅ. प्रवीण चौपड़ा, बीडीओ राजेश कुमार, एबीएसए सुदर्शनलाल, सीएचसी प्रभारी डॉ. एनपी सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. केके त्यागी, पूर्ति निरीक्षक एनपी सिंह के अलावा सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।