दरअसल, मामला थाना भोपा क्षेत्र का है। जहां मोरना में रह रहे एक पशु चिकित्सक सतीश चौधरी पुत्र सत्यपाल सिंह शुक्रवार की सुबह से अचानक लापता हो गए थे। जब वह शाम तक वापस नहीं लौटे तो परिजनों ने काफी तलाशा, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की तहरीर दे दी। शनिवार की सुबह तक भी जब सतीश वापस नहीं लौटे तो उनके घर लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया, जिसके बाद गुस्साए लोगों ने थाना भोपा पर आकर पशु चिकित्सक सतीश की बरामदगी की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते गुस्साई भीड़ ने मुजफ्फरनगर मोरना शुक्रताल रोड पर तीन स्थानों पर जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलते ही एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, एसपी देहात एसपी सिटी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को भारी फोर्स के साथ लेकर मौके पर पहुंच गए आैर चिकित्सक सतीश के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने सतीश की हत्या की आशंका जतार्इ तो पुलिस सर्विलांस के जरिए सतीश के फोन की कॉल डिटेल निकालकर गांव ककराला पहुंच गई। जहां कामिल नाम के एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में कामिल ने पशु चिकित्सक सतीश की हत्या की बात स्वीकार कर ली। उसने बताया कि सतीश की हत्या 1 लाख रुपये की सुपारी देकर थाना ककरौली क्षेत्र के गांव चुड़ियाला निवासी बंगालियों से कराई थी, जिन्होंने शव को थाना काकरोली क्षेत्र के गांव दौलतपुर के जंगलों में फेंक दिया था। पुलिस पूरा दिन जंगलों में डॉग स्क्वायड के साथ मृतक सतीश के शव को ढूंढने में लगी रही। देर शाम पुलिस ने सतीश के शव को बरामद करके पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शव बरामद होने की सूचना के बाद परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ तहरीर देकर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल मामला दो समुदाय से जुड़ा होने की वजह से क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है, जिसके चलते क्षेत्र में पीएसी व भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मामले में पुलिस ने आरोपी कामिल के साथ अन्य कई लोगों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। जबकि हत्यारोपी बंगाली पुलिस की भनक लगते ही फरार हो गए थे, जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है।