घर की महिलाओं ने तिलक लगाकर किया स्वागत सिसौली पहुंचने पर चौधरी राकेश टिकैत ने सबसे पहले किसान भवन पहुंचकर अपने पिता किसान मसीहा स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत की समाधि पर फूल अर्पित किए। जिसके बाद वह अपने घर गए, जहां घर की महिलाओं ने उनका तिलक लगाकर मुंह मीठा कराकर स्वागत किया।
किसी भी पार्टी से नहीं लडेंगे चुनाव चौधरी राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहां कि वह ना किसी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे, ना ही खुद अकेले चुनाव लड़ेंगे। अखलेश यादव द्वारा राकेश टिकैत के पार्टी में आने या चुनाव लड़ने पर स्वागत वाले बयान पर राकेश टिकैत ने उनका धन्यवाद किया। मगर उनके परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में नहीं आएगा।
राजनीति से रखा जाए दूर- राकेश टिकैत इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक दल के एक पदाधिकारी द्वारा चौधरी राकेश टिकैत की वापसी को लेकर लगाए विवादित होर्डिंग के सवाल पर चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें राजनीति से दूर रखा जाए। उन्होंने कहा कि किसी ने ऐसे ही कोई होर्डिंग नहीं लगा दिया होगा। वे चाहते हैं कि वे राजनीति से दूर रहें।
किसानों को दिया धन्यवाद किसान आंदोलन की समाप्ति के बाद सरकार के प्रति किसानों के रवैया में नरमी के सवाल पर कहा कि अभी 2022 दूर है आचार संहिता जारी होने के बाद कि वे इसका जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि किसान मजबूती के साथ सरकार से लड़ा है, जब भी जरूरत पड़ी भारी संख्या में किसान वहां पहुंचे हैं। उन्होंने सभी किसानों को धन्यवाद दिया।
परिवार में खुशी का माहौल वहीं, 383 दिन बाद घर वापसी पर चौधरी राकेश टिकैत के परिवार में खुशी का माहौल था। दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालियान खाप के मुखिया राकेश टिकैत के बड़े भाई चौधरी नरेश टिकैत के जन्मदिन ने खुशियों को दोगुना किया। जिसमें गांव शोरम से लेकर सिसौली तक कई स्थानों पर चौधरी नरेश टिकैत के जन्मदिन के अवसर पर केक काटकर किसानों को खिलाया गया।
यहीं खत्म नहीं हुई है लड़ाई चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि यह लड़ाई अभी यहीं खत्म नहीं हुई। एमएसपी एक बड़ा मुद्दा है, जिसके लिए वे राज्य सरकारों से बात कर एमएसपी लागू कराने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कमेटी गठित की जा रही है। कमेटी अपना काम करेगी, मैं केवल इस कमेटी की निगरानी करूंगा।
सरकार को टेनी से इस्तीफा लेना चाहिए-टिकैत केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी द्वारा बुधवार को पत्रकारों से की गई बदसलूखी पर राकेश टिकैत ने कहां कि सरकार को उनके बारे में सोचना चाहिए। क्योंकि जवाब तो सरकार को देना है। किरकिरी तो सरकार की हो रही है। सरकार को उनसे इस्तीफ़ा ले लेना चाहिए।