दरअसल, किसानों का पूरा गन्ना भुगतान नहीं होे पर 25 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजू अहलावत के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया था। वहीं, एपीएल शुगर मिल्स तितावी व उत्तम शुगर खाई खेड़ी के प्रबंधको को बंधक बनाकर कलेक्ट्रेट में नजारत कार्यालय में बंद कर दिया था। जिसमें अधिकारियों ने 2 दिन के अंदर 111 करोड़ रुपए का बकाया गन्ना भुगतान करने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन ने बंधक बनाए गए दोनों शुगर मिल अधिकारियों को बंधन मुक्त किया था।
उसमें 29 जनवरी को दोबारा अन्य शुगर मिलो के अधिकारियों और किसानों के बीच मीटिंग होनी तय हुई। उसी को लेकर जिला कलेक्ट्रेट में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत और जिलाध्यक्ष राजू अहलावत के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में मीटिंग शुरु हुई। जिसमें शुगर मीलों की ओर से कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। जिससे नाराज भारतीय यूनियन नेताओं ने मीटिंग में आये अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार और जिला गन्ना अधिकारी डीपी दिवेदी को जबरन पैदल लेकर रेलवे स्टेशन की और चल दिए और रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर सैकड़ों किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। जिसके बाद पुलिस विभाग में भी हड़कंप मच गया।
पुलिस अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और जिसके बाद घंटों तक प्रशासनिक अधिकारी और भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के बीच वार्तालाप का दौर चलता रहा। मगर किसान गन्ना भुगतान की मांग पर अड़े रहे। जिसके चलते मुजफ्फरनगर से दिल्ली ओर चंडीगढ की ओर आने व जाने वाली तमाम ट्रेनें जिस स्टेशन पर खड़ी थी उन्हें वहीं पर रोक दिया गया।