हाईकोर्ट ने डीजीपी, एसएसपी को किया तलब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक मामलों में एक व्यक्ति को बार-बार गलत तरीके से फंसाए जाने पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को इस मामले में 13 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है। अदालत ने एक व्यक्ति की जमानत याचिका के बाद यह आदेश पारित किया, जो पिछले 23 सालों में 49 नशीले पदार्थों के मामलों में आरोपी था, लेकिन या तो बरी कर दिया गया था या उसका नाम बाद में मामले से हटा दिया गया था।
पुलिस के कामकाज पर कोर्ट ने व्यक्त किया चिंता पुलिस के कामकाज पर चिंता व्यक्त करते हुए अदालत ने कहा कि एक नागरिक के लिए ‘पुलिस’ शब्द सुरक्षा, राहत, शांति की भावना है और उनके कारण ही वह निडर होकर चलता और सोता है। हालांकि अगर उनकी सुरक्षा करने वाली पुलिस ही उनके साथ ऐसा व्यवहार करने लग जाए तो लोगों का विश्वास खत्म हो जाता है। पुलिस अनुशासित बलों में से एक है जिसे बड़े पैमाने पर जनता की सुरक्षा के लिए स्थापित किया गया है।
आवेदक के अनुसार मुजफ्फरनगर के खतौली पुलिस थाने की पुलिस द्वारा आवेदक के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किये गये हैं और आवेदक द्वारा मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), नई दिल्ली में शिकायत की गयी थी, जिस पर जून को एक आदेश पारित किया गया था। 5, जून 2007 को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) इलाहाबाद को आवेदक को मुआवजा देने का निर्देश दिया और आवेदक और उसके भाई ओमी को 10,000 रुपये का मुआवजा भी दिया गया।