पैसिव फंड बेंचमार्क इंडेक्स को करते है ट्रैक पैसिव फंड एक बेंचमार्क इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और उसके परफॉरमेंस की नकल करने की कोशिश करते हैं। पैसिवली मैनेज किए जाने वाले फंड में पैसिव इंडेक्स फंड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करने वाले फंड ऑफ फंड शामिल होते हैं। ये फंड एक बेंचमार्क का पालन करते हैं और बेंचमार्क के साथ मिलकर रिटर्न देने का टारगेट रखते हैं। उदाहरणों में निफ्टी 50 इंडेक्स, निफ्टी मिडकैप 150 ETF आदि शामिल हैं। अपनी सरलता को देखते हुए, पैसिव फंड युवाओं के लिए एक बेहतर एंट्री पॉइंट्स हैं, जो सक्रिय रूप से चुनने के बजाय मार्केट फ्लो के साथ चलना पसंद करते हैं, जो साथ ही साथ इसे बड़े बाजारों में एक्सपोजर प्रदान करते हैं। यह बढ़त के साथ 50 के यूनिवर्स या 50 में से एक को चुनता है। यह दोनों शेयरों की बेहतरीन पेशकश करता है।
निफ्टी 50 इंडेक्स की तरफ बदल रहा है नजरिया पैसिव फंड की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, म्यूचुअल फंड हाउस ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए निफ्टी 50 इंडेक्स को अब अलग नजरिए से देखना शुरू कर दिया है। निप्पॉन इंडिया निफ्टी 50 वैल्यू 20 इंडेक्स फंड इसका एक उदाहरण है। यह फंड निफ्टी 50 इंडेक्स का हिस्सा बनने वाली वैल्यू कंपनियों के विविध पोर्टफोलियो के व्यवहार और परफॉरमेंस को दर्शाने के लिए बनाया गया है। इसमें NSE पर लिस्टेड 20 सबसे अधिक लिक्विड वैल्यू ब्लू चिप कंपनियां शामिल हैं। इंडेक्स के शीर्ष 20 शेयरों को चुनकर फंड ने 34.26 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स ने सिर्फ 26.27 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस इंडेक्स की खूबसूरती यह है कि यह निफ्टी 50 के यूनिवर्स से स्टॉक्स चुनता है, वो भी एक विशेषता के साथ। हरि फाइनेंशियल सर्विसेज के संजय पटेल के अनुसार, पैसिव इन्वेस्टमेंट एक निवेशक को दोहरा लाभ उठाने का मौका देता है। पहला, यह कुछ फ़ैक्टर्स के आधार पर सही स्टॉक चुनता है और दूसरा, यह उन्हें इंडेक्स फंड फॉर्मैट में रखता है। इस प्रकार के स्मार्ट बीटा सूचकांकों में निवेश काफी पोपुलर हो रहा है, क्योंकि निवेशकों को कम लागत का लाभ मिल रहा है।