राणा कपूर ने कहा – यस बैंक में वापसी का कोई इरादा नहीं, 13 फीसदी टूटे बैंक के शेयर्स
साल 2017 में हो चुकी है न्यू इंडिया एश्योरेंस की लिस्टिंग
मौजूदा समय में, भारत में 25 जनरल इंश्योरेर कंपनियां हैं, जिसमें चार कंपनियों का मालिकाना हक सरकार के पास है। इनका नाम न्यू इंडिया, ओरिएंटल, नेशनल और यूनाइटेड इंडिया है। वित्त वर्ष 2019 के बजट में दी गई शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सरकार पहले तीन इंश्योरेंस कंपनियों के विलय की योजना बना रही है। इसमें ओरिएंटल, नेशनल और यूनाइटेड इंश्योरेंस शामिल है। इस प्रकार न्यू इंडिया एश्योरेंस को अलग रखा जाएगा, जिसकी लिस्टिंग साल 2017 में पूरी की गई थी। अन्य तीन कंपनियों की अभी तक लिस्टिंग नहीं हुई है।
ONGC के कर्मचारी नहीं उठा पाएंगे गोल्फ का लुत्फ, अहमदाबाद और वड़ोदरा के Golf Course बेचेगी सरकार
देश को मिल सकेगा LIC जैसे जनरल इंश्योरेंस कंपनी
अधिकारी ने बताया, “देश में पहले ही प्राइवेट सेक्टर की इंश्योरेंस कंपनियां ऑपरेट कर रही है। ऐसे में दो बड़ी सरकारी कंपनियां एक दूसरे के बिजनेस को क्यों प्रभावित करें।” आगामी बजट में सरकार ने उस खाके के बारे में जानकारी दे सकती है, जिसके तहत विलय की जा चुकी अन्य तीन कंपनियों को न्यू इंडिया एश्योरेंस टेकओवर कर ले। इसके बाद देश के भारतीय जीवन बीमा निगम की तर्ज पर एक और बड़ी इंश्योरेंस कंपनी मिल जाए। दोनों कंपनियों में अंतर सिर्फ इस बात का होगा कि एक से सरकार को पूंजी मिल सकेगी, वहीं दूसरी से कोई रकम नहीं मिल सकेगी।
अमरीकी विदेश सचिव ने कहा- भारत हमें अपने बाजार में जगह दे, खुल सकती जीएसपी दर्जा वापस करने की राह
सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों की सेहत सुधारने पर सरकार का ध्यान
इंशेयारेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( IRDA ) से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मई माह के अंत तक न्यू इंडिया एश्योरेंस का मार्केट शेयर ग्रॉस डायरेक्ट प्रीमियम के आधार पर 16.80 फीसदी रही। वहीं, अन्य तीन कंपनियों का कुल मार्केट शेयर 2 फीसदी रहा है। बीते कुछ सालों में मंत्रालय इस बात पर जोर दे रहा है कि सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के पोर्टफोलियो को रिस्ट्रक्चर किया जाए, क्लेम मैनेजमेंट को बेहतर किया जाए और इन कंपनियों में आपस में प्राइस को लेकर कम प्रतिस्पर्धा हो सके। सरकार इन कंपनियों की पूंजी जरूरतों को भी पूरा करने पर विचार कर रही है। वित्त वर्ष 2018 में इन कंपनियों घाटा वित्त वर्ष 2017 के 16,012 करोड़ रुपए से घटकर 12,603 करोड़ रुपए पर आ चुकी है।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.