भले ही अभी लोकसभा चुनाव की घोषणा नहीं हुई है और राज्य में सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हुआ हो, लेकिन सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से प्रचार अभियान में जुट गये हैं। खासकर हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्रों में सियासी लड़ाई शुरू हो गई हैं।
शिरूर के सांसद डॉ. अमोल कोल्हे की आलोचना करते हुए अजित दादा ने एक बड़ा राज खोला है। उन्होंने कहा कि अगर हमें चुनाव में अच्छा उम्मीदवार नहीं मिलता तो हम कलाकारों को उम्मीदवार बनाते हैं। उनके इस बयान से बड़ी संख्या में कलाकारों को उम्मीदवार बनाने वाली बीजेपी और अन्य पार्टियों की किरकिरी हो सकती है।
पुणे जिले की कोल्हे सीट से सांसद अमोल कोल्हे (Amol Kolhe) अभी अजित पवार के रडार पर हैं। अजित पवार ने कोल्हे को शिकस्त देने का फैसला कर लिया है। अजित पवार के विद्रोह का समर्थन किए बिना कोल्हे शरद पवार के प्रति वफादार रहे है। कहा जाता है कि एनसीपी में बगावत से पहले कोल्हे अजित पवार के बड़े समर्थक थे।
सांसद अमोल कोल्हे के निर्वाचन क्षेत्र शिरूर में किसानों की एक बैठक को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, कोल्हे का क्षेत्र राजनीति नहीं है, वे अपने कार्यकाल के दो साल बाद ही इस्तीफा देने की तैयारी में थे।
वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा “मेरे कहने पर अमोल कोल्हे को आपने विजयी बनाया, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही वह इस्तीफा देने वाले थे। तब अमोल कोल्हे ने कहा था कि वह अभिनेता है और मतदाताओं को समय नहीं दे पा रहे है। इससे मेरे अभिनय करियर को नुकसान हो रहा है। सही कहे तो अमोल कोल्हे को राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है…. हमें उम्मीदवार नहीं मिलता है तो हम कलाकार को आगे लाते हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोल्हे को दूसरी पार्टी से लाया था और उन्हें टिकट दिया था। एनसीपी नेता दिलीप वाल्से पाटिल के साथ मिलकर 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली थी। हमने शुरू में कोल्हे को उत्साही पाया, लेकिन दो साल के अंदर ही वह मेरे पास आए और इस्तीफा देने की पेशकश करते हुए कहा कि उनका अभिनय करियर प्रभावित हो रहा है।’’
डिप्टी सीएम पवार ने कहा, ‘‘अभिनेत्री हेमा मालिनी चुनाव लड़ती हैं और जीतती हैं। अभिनेता सनी देओल और गोविंदा को भी कुछ जगहों पर मैदान में उतारा गया था। राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ बच्चन भी चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन मशहूर हस्तियों का राजनीति से क्या संबंध है? बात यह है कि क्या मशहूर हस्तियां अपने क्षेत्र के विकास कामों में रुचि रखते हैं। लोगों को मशहूर हस्तियों में संभावना दिखती है और उन्हें वे वोट देते हैं। हम उनकी क्षमताओं को जाने बिना उन्हें शामिल कर लेते हैं, यह हमारी गलती हैं।’’