पश्चिम रेलवे के मुताबिक, गोरेगांव और कांदिवली के बीच छठी लाइन के काम के सिलसिले में 28-29 अगस्त की मध्यरात्रि में पांच घंटे का ब्लॉक लिया जाएगा। ब्लॉक बुधवार रात 11 बजे शुरू होगा और गुरुवार तड़के 4 बजे खत्म होगा।
वीकेंड पर बड़ा ब्लॉक
बता दें कि वेस्टर्न लाइन पर गोरेगांव-कांदिवली सेक्शन के बीच छठी लाइन का कम चल रहा है। लगभग 4.5 किलोमीटर लंबे इस सेक्शन पर काम 27-28 अगस्त की रात से शुरू हुआ है। यह काम 5-6 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। हालांकि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो इसलिए रेलवे ने पांच प्रमुख ब्लॉक केवल वीकेंड पर लेने की योजना बनाई हैं।
35 दिनों तक चलेगा काम
गोरेगांव और कांदिवली स्टेशनों के बीच लगभग 4.5 किलोमीटर लंबी छठी लाइन का काम शुरू हो चुका है। मुख्य तौर पर वीकेंड यानी शनिवार-रविवार को रात में 10 घंटे का ब्लॉक लेकर काम किया जाएगा। यह काम 35 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य है। हालांकि गणपति महोत्सव के दौरान 11 से 17 सितंबर तक कोई काम नहीं किया जाएगा।
पश्चिम रेलवे का क्या है प्लान?
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मालाड स्टेशन के पूर्व की ओर 6वीं लाइन बिछाने के लिए जगह नहीं है, इसलिए पश्चिम की ओर एक नई लाइन बिछाई जा रही है। इसके बाद सभी मौजूदा 5 लाइनों को कट और कनेक्शन के माध्यम से पश्चिम की ओर स्थानांतरित किया जाएगा। इस काम के चलते वीकेंड पर लंबी दूरी की कुछ ट्रेनों को 15 से 20 मिनट रेगुलेट किया जाएगा, जबकि लोकल ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित होंगी। इस दौरान औसतन लगभग 100-140 लोकल ट्रेनें रद्द की जाएंगी और लगभग 40 लोकल ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया जाएगा। वीकेंड के अलावा पश्चिम रेलवे ने काम के दिनों में रात में काम करने की योजना बनायी है, ताकि सप्ताह के दिनों में कम से कम व्यवधान हो। इसके तहत 28-29 सितंबर और 5-6 अक्टूबर को गोरेगांव और कांदिवली के बीच 5वीं लाइन पर नॉन-इंटरलॉकिंग काम किया जाएगा। इसके कारण बांद्रा टर्मिनस से चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को 40 से 45 मिनट रेगुलेट किया जाएगा।
गौरतलब हो कि गोरेगांव-कांदिवली सेक्शन बांद्रा टर्मिनस और बोरीवली के बीच 5वीं और 6वीं लाइन का हिस्सा है। 5वीं लाइन बांद्रा टर्मिनस और बोरीवली के बीच पहले ही शुरू हो चुकी है, जबकि छठी लाइन खार रोड और गोरेगांव के बीच शुरू हो चुकी है। गोरेगांव-कांदिवली सेक्शन का काम पूरा होने के बाद कांदिवली-बोरीवली खंड पर छठी लाइन का काम शुरू किया जाएगा।
इस परियोजना के पूरा होने से मुंबई के वेस्टर्न लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही बेहतर होगी। इससे न केवल मुंबई लोकल ट्रेन, बल्कि लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी।