BMC अधूरा कल्वर्ट ढलाई के दौरान हुआ टेढ़ा
अधूरा कल्वर्ट ढलाई के दौरान हुआ टेढ़ासवालों के घेरे में मनपा ब्रिज विभाग के अभियंता
BMC अधूरा कल्वर्ट ढलाई के दौरान हुआ टेढ़ा
मुंबई। महानगर मुंबई सहित देश के अलग -अलग हिस्सों में छोटे बड़े और नये पुराने पुलों के ढहने व गिरने का सिलसिला अब भी जारी है। वहीं वाशीनाका में करीब दो सप्ताह पहले एक कल्वर्ट के आधे हिस्से के स्लैब की ढलाई के दौरान कमजोर सेट्रींग नाले में दबने के कारण कल्वर्ट का एक हिस्सा नीचे की तरफ झुक गया है। इस मुद्दे पर मनपा के सहायक अभियंता और कनिष्ट अभियंता दोनों गोल- मटोल और डिजाइनिंग का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। जबकि स्थानीय नागरीकों का कहना है कि कल्वर्ट कमजोर होने से कभी भी गिर सकता है।
गौरतलब है कि न्यू इंडिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को कल्वर्ट बनाने का ठेका मनपा ने दिया है। करीब एक दशक से वाशीनाका के आरसी मार्ग थम-थम कर बन रहे कल्वर्ट को बनाने में न्यू इंडिया कंस्ट्रक्शन कंपनी पूरी तरह फेल होती दिखाई दे रही है। इस कंपनी के कार्यों की समीक्षा करना बेहद जरूरी है। क्योंकि मनपा द्वारा इस कल्वर्ट को पूरा करने के लिए मई 2019 तक समय सीमा दी गई थी। लेकिन अब भी काम अधूरा ही है। स्थानीय समाजसेवक व शिवसेना के उप विभाग प्रमुखों के दबाव में न्यू इंडिया कंस्ट्रक्शन द्वारा आनंन फानंन में करीब दो सप्ताह पहले कल्वर्ट का स्लैब ढाला गया। जिसका एक हिस्सा नीचे की तरफ झुक गया है। बता दें कि अदालतों की तरह डेट पर डेट बढ़ाने की वजह से इस कल्वर्ट की लागत भी बढ़ती जा रही है। बता दें कि आरसी मार्ग पर स्थित इस कल्वर्ट को तीन हिस्सों में बांट कर ढलाई आदि का काम किया जा रहा है। इसके दूसरे चरण में 11 x 11 चौरस मीटर के ढलाई का बोझ ठेका कंपनी द्वारा लगाया गया सेट्रींग सहन नहीं कर सका, जिसके कारण इस कल्वर्ट का एक हिस्सा नीचे की तरफ झुक गया। इस सबंध में कर्ल्वट से जुड़े मनपा के अभियंताओं का कहना है कि इससे कोई नुकसान नहीं होगा। बता दें कि औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण वाशीनाका परिसर में भारी वाहनों की आवाजाही से लगभग हर समय रोड जाम रहता है। इसके बाद भी अभियंताओं की दलील इस बात का संकेत है कि वे किसी न किसी तरह ठेका कंपनी को फायदा पहुंचने की फिराक में हैं।
मनपा के ब्रिज विभाग के कनिष्ट अभियंता अमित दसुरकर के अनुसार 11 x 11 चौरस मीटर के इस कल्वर्ट पर 750 एम एम मोटी ढलाई हुई है। स्थानीय नगरीकों के अनुसार करीब एक दशक से बन रहे इस कल्वर्ट के कारण यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। वहीं मनपा और ठेका कंपनी के अभियंताओं की चांदी हो गई है।
यहां सवाल यह उठता है कि आर सी मार्ग पर स्थित वाशीनाका में बन रहे कल्वर्ट की ढलाई से पहले मनपा के अभियंताओं ने सेंट्रिंग की जांच क्यों नहीं की। इसके अलावा उक्त ढलाई के दौरान जो भी मेटेरियल लगा है वह संदेह के घेरे में है। लेकिन मनपा के सहायक अभियंता सुनील मटकरी और कनिष्ट अभियंता अमित दसुरकर ने गोल- मटोल और डिजाइनिंग का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
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