रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह जिले ठाणे में स्थित इस अस्पताल में सोमवार को चार मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में एक माह का बच्चा भी शामिल है। इस बीच, सीएम शिंदे ने अस्पताल में हुई मौत की जांच के आदेश दिए है।
कलवा अस्पताल इस समय भारी दबाव में है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों मरीज पहुंच रहे है। अस्पताल में मलेरिया और डेंगू के मरीजों का संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन पिछले चार दिनों में 22 मरीजों की मौत से अस्पताल प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। रविवार को जिन 17 मरीजों की मौत हुई उनमें से 13 मरीज आईसीयू में थे जबकि 4 मरीजों का जनरल वार्ड में इलाज चल रहा था। इससे पहले 10 अगस्त को एक ही दिन में 5 लोगों की मौत हुई थी।
सतारा में मीडिया से बात करते हुए कहा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा, ठाणे के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में मरीजों की मौत की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम ने कहा कि घटना की गहन जांच के लिए स्वास्थ्य निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की जायेगी।
बताया जा रहा है कि कलवा अस्पताल में कुल 500 बेड है। अस्पताल में हालात ऐसे है कि वार्ड में जहां भी जगह है वहां बेड बनाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल के एक वार्ड की क्षमता 49 मरीजों की है। लेकिन वर्तमान में एक नर्स 89 मरीजों की देखभाल कर रही है। अस्पताल में हर दिन ठाणे शहर, कलवा, मुंब्रा, दिवा, पालघर, उल्हासनगर, डोंबिवली, जव्हार, वाडा, भिवंडी जैसे विभिन्न क्षेत्रों से मरीज आते हैं। यहां मरीजों की बढ़ती संख्या के सामने अस्पताल का मैन-पॉवर और जगह बहुत कम पड़ रहा है।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जिन मरीजों की मौत हुई हैं उनमें कुछ दुर्घटनाओं के शिकार थे। जबकि अन्य की मौत अल्सर, लीवर रोग, निमोनिया, जहर खाने, डायलिसिस, सिर पर चोंट, संक्रमण, ऑक्सीजन की कमी, निम्न रक्तचाप, बुखार आदि के कारण हुई। मृतकों में 83 वर्षीय महिला और 81 वर्षीय पुरुष भी शामिल हैं। जबकि बाकी मृतक मरीजों की उम्र 33 से 83 साल के बीच हैं।