भगत सिंह कोश्यारी की जगह लेने वाले महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस कौन है?
कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश (CJI) के नेतृत्व वाली 5 जजों की पीठ से यह मामला सात जजों की संविधान पीठ के पास भेजने की मांग की। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए एक फैसले (नबाम रेबिया केस) पर पुनर्विचार का अनुरोध किया, जो कि 5 जजों की संविधान पीठ थी। हालांकि सिब्बल ने आज कोर्ट के सामने तर्क दिया कि अरुणाचल प्रदेश से जुड़ा नबाम रेबिया केस महाराष्ट्र के मामले में लागू नहीं होगा। लेकिन शिंदे समूह के वकील हरीश साल्वे ने उनके दावों का खंडन किया।क्या है नबाम रेबिया मामला?
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 2016 में नबाम रेबिया मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि यदि विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिये पहले दिये गए नोटिस पर सदन में निर्णय लंबित है, तो विधानसभा अध्यक्ष विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर आगे की कार्यवाही नहीं कर सकते।
7 जजों की संविधान पीठ के पास भेजने की मांग क्यों?
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों के लिए यह निर्णय विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि सीताराम जिरवाल को हटाने संबंधी नोटिस लंबित होने के आधार पर शीर्ष कोर्ट में लाभकारी साबित हुआ।