भगोड़े दाऊद इब्राहिम के करीबियों की मदद से मुंबई के कुर्ला में तीन एकड़ जमीन पर कब्जा करने के आरोप में ईडी ने 23 फरवरी को मलिक को गिरफ्तार किया था। एनसीपी नेता की जमानत अर्जी विशेष अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है। हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में वरिष्ठ एनसीपी नेता ने ईडी की कार्रवाई और विशेष अदालात के रिमांड आदेश को गैर-कानूनी बताया था। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज केस निरस्त करने और फौरन रिहाई का अनुरोध किया था। बचाव पक्ष के वकील अमित देसाई ने दलील दी कि रेट्रोस्पेक्टिव एप्लीकेशन पर गौर किए बिना स्पेशल कोर्ट ने मलिक को ईडी की कस्टडी में दिया, जो गलत है। देसाई ने यह भी कहा कि कोर्ट में पेश दस्तावेजों से साबित नहीं होता कि मलिक मनी लांड्रिंग मामले में लिप्त हैं। हो सकता है कि ये काम किसी और ने किया हो। जब मलिक को प्रॉपर्टी का पजेशन मिल गया तब पता चला कि जमीन खरीद मनी लांड्रिंग के पैसे से की गई है। फिलहाल मलिक न्यायिक हिरासत में हैं।
क्या है मामला
कुर्ला के गोवावाला कंपाउंड में मलिक परिवार पर तीन एकड़ जमीन हड़पने का आरोप है। आरोप है कि डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर, डी गैंग से जुड़े सलीम पटेल और मुंबई बम धमाकों (1993) के दोषी सरदार शाह वली खान की मदद से मलिक परिवार ने यह जमीन हथिया ली। भूखंड मालकिन मुनीरा प्लंबर ने ईडी को बताया कि उन्होंने जमीन नहीं बेची है।
खुफिया एजेंसियों की सूचना पर एनआइए ने दाऊद के खिलाफ फरवरी में एक मामला दर्ज किया है। मनी लांड्रिंग एंगल की जांच ईडी कर रही है। मलिक की गिरफ्तारी से पहले ईडी ने दाऊद के भाई इकबाल कासकर, भांजे और छोटा शकील के करीबी से पूछताछ की थी।