उद्धव ने मुंबई उत्तर-पश्चिम से अमोल कीर्तिकर, शिंदे ने मुंबई दक्षिण-मध्य से राहुल शेवाले को बनाया उम्मीदवार
कांग्रेस को नीचा दिखाया…
संजय निरुपम ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी नाराजगी जताई और कांग्रेस आलाकमान से मामले में दखल देने की अपील की। उन्होंने लिखा, “कल शाम बची-खुची शिवसेना के प्रमुख ने अंधेरी में उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से एमवीए का उम्मीदवार घोषित कर दिया। रात से ही फोन आ रहे हैं। ऐसा कैसे हो सकता है? एमवीए की दो दर्जन मीटिंग होने के बावजूद अभी तक सीट शेयरिंग पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। जो 8-9 सीटें पेंडिंग हैं, उनमें यह सीट भी है…। फिर शिवसेना की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा करना गठबंधन धर्म का उल्लंघन नहीं है क्या? या फिर कांग्रेस को नीचा दिखाने के लिए ऐसी हरकत जानबूझकर की जा रही है? कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को हस्तक्षेप करना चाहिए।
घोटाले में शामिल है उद्धव का उम्मीदवार- निरुपम
उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए आगे कहा, “शिवसेना (यूबीटी) की तरफ़ से जिस उम्मीदवार का नाम प्रस्तावित किया गया है, वह कौन है? खिचड़ी स्कैम का घोटालेबाज है। उन्होंने खिचड़ी सप्लायर से चेक में रिश्वत ली है। खिचड़ी स्कैम क्या है? कोविड के समय में मजबूर प्रवासी मजदूरों को बीएमसी की तरफ़ से मुफ़्त भोजन उपलब्ध कराने का सराहनीय कार्यक्रम था। गरीबों को खाना खिलाने के स्कीम में से शिवसेना के प्रस्तावित उम्मीदवार ने कमीशन खाया है। ईडी पूरे मामले की जांच कर रही है। क्या ऐसे घोटालेबाज उम्मीदवार के लिए कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के कार्यकर्ता प्रचार करेंगे? दोनों पार्टी के नेतृत्व से विनम्रतापूर्वक मेरा यह सवाल है?”
निरुपम की हुई थी हार, 2019 के देखें नतीजे
मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के 2019 के रिजल्ट पर गौर करें तो यहां गजानन कीर्तिकर (शिवसेना) को 570,063 (60.55 फीसदी) वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस नेता निरुपम को 3,09,73 (32.90 फीसदी) वोट मिले थे। कहा जा रहा है कि निरुपम इस बार फिर यहां से चुनाव लड़ता चाहते है।
MVA में विवाद क्यों?
मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अजित पवार गुट शामिल हैं। जबकि एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) है। जबकि एमवीए के तीनों दल ‘इंडिया’ गठबंधन का भी हिस्सा है। राज्य में महायुति और एमवीए सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अभी भी जारी है।