मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर में शरद पवार द्वारा अचानक एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा करने के बाद पार्टी के नेता व कार्यकर्ता भावुक हो गए. सभी उनसे अपना निर्णय बदलने का अनुरोध करने लगे। इस मानमनौअल के दौरान जयंत पाटील, छगन भुजबल, अनिल देशमुख, जितेंद्र अव्हाड आदि बड़े नेताओं के अलावा पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने भी शरद पवार से पार्टी की कमान संभालने की अपील की. हालांकि शरद पवार नहीं मानें और कहा “आईये हम सब मिलकर काम करें, लेकिन मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।” हालांकि फिर भी पार्टी के नेता शरद पवार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते रहें।
जिसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार बोलने के लिए खड़े हुए और शरद पवार के इस्तीफे का विरोध करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को समझाया। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा, पवार साहब चाहते हैं कि एनसीपी का अब नई पीढ़ी नेतृत्व करें। एनसीपी के अध्यक्ष पद पर चुनाव भी शरद पवार के मार्गदर्शन में ही होगा।
राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने पार्टी नेताओं से कहा, शरद पवार साहब ने खुद कुछ दिन पहले ही नेतृत्व में बदलाव की जरूरत की बात कही थी। हमें उनके फैसले को उनकी उम्र और सेहत के हिसाब से भी देखना चाहिए। सबको समय के हिसाब से फैसला लेना पड़ता है, पवार साहब ने फैसला लिया है और वो इसे वापस नहीं लेंगे।
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने कहा, “…यह दिन कभी न कभी आने वाला ही था… पवार साहब (शरद पवार) हमेशा एनसीपी परिवार के मुखिया रहेंगे। जो भी नया अध्यक्ष होगा वह पवार साहब के मार्गदर्शन में ही काम करेगा।”
इसके बाद कुछ कार्यकर्ताओं ने शरद पवार की बेटी व एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले से इस मामले पर बोलने की अपील की। जिस पर अजित पवार ने सुप्रिया सुले को कुछ भी न बोलने की सलाह दी. अजित पवार ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने कहा ”मैं उनका बड़ा भाई हूं और इसलिए मैं उन्हें यह सलाह दे रहा हूं।” एनसीपी कार्यकर्ता मांग कर रहे थे कि सुप्रिया सुले शरद पवार से बात कर उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाये।