उधर, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के समर्थन में महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कई स्थानों पर बैनर और होर्डिंग लगाये गए हैं, जबकि कहीं-कहीं शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थन में भी बैनर लगे हैं। इन सबके बीच पुलिस को ठाणे में कानून व्यवस्था बिगड़ने का डर सताने लगा गई। जिस वजह से आज जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।
एकनाथ शिंदे का गढ़ कहे जाने वाले ठाणे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। ठाणे सीपी द्वारा जिला कलेक्टर के सुझावों पर यह आदेश जारी किया गया है। इससे पहले जिला कलेक्टर और जिलाधिकारी ने पूरे ठाणे जिले में 30 जून तक निषेधाज्ञा लागू करने के आदेश जारी किए।
पुलिस को आशंका है कि बागियों के विरोध में बड़ी संख्या में शिवसैनिक सड़कों पर उतर सकते है, जिससे दोनों गुटों में संघर्ष बढ़ सकता है। जिस वजह से ठाणे में हिंसा और कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए 30 जून तक निषेधाज्ञा लागू की गई है। इसके तहत जिले में लाठी, हथियार लेकर चलना, पोस्टर जलाना, पुतला जलाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके अलावा, नारे लगाने या स्पीकर पर गाने बजाने की भी अनुमति नहीं है।
राज्य के कई जगहों पर बागी विधायकों के दफ्तरों को नाराज शिवसेना कार्यकर्ताओं ने निशाना बनाया। यहां तक की मुंबई में भी कई स्थानों पर तोड़फोड़ की खबर है। ज्ञात हो कि सभी विद्रोह करने वाले विधायक वर्तमान में गुवाहाटी में शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ डेरा डाले हुए हैं। बता दें कि 58 वर्षीय शिंदे ठाणे शहर के कोपरी-पछपाखड़ी से मौजूदा विधायक हैं. ठाणे-पंचपाखड़ी क्षेत्र में शिंदे शिवसेना के प्रमुख नेता हैं, जिसे सेना का गढ़ माना जाता है।
आज सुबह ही शिवसेना नेता संजय राउत ने विद्रोही विधायकों को धमकी भरे लहजे में कहा था कि महाराष्ट्र के बाहर आप चील हैं। लेकिन लोगों का धैर्य कमजोर होता जा रहा है। अभी शिवसैनिक सड़कों पर नहीं उतरे हैं। ऐसा किया तो सड़कों पर आग लग जाएगी।
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने कहा “हमारी आज की कार्यकारिणी की बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। इस बैठक में कई निर्णय होंगे। ये पार्टी राज्य और देश में बहुत बड़ी पार्टी है। इस पार्टी को बनाने में बालासाहेब जी, उद्धव जी और सभी कार्यकर्ताओं ने खून-पसीना बहाया है। इस पार्टी पर कोई आसानी से डाका नहीं डाल सकता है। केवल पैसे के दम पर कोई पार्टी नहीं खरीद सकता है। अभी जो संकट है उसे हम संकट नहीं मानते बल्कि ये हमारे लिए पार्टी विस्तार का बहुत बड़ा मौका है।”
इसके कुछ समय बाद ही शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की। पुणे शहर के शिवसेना प्रमुख संजय मोरे ने खुलेआम धमकी देते हुए कहा “पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को परेशान करने वाले सभी देशद्रोही और बागी विधायकों को इस प्रकार की कार्रवाई का सामना करना होगा। उनके कार्यालय पर भी हमला होगा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”