यह है मामला
बिल्डर की ओर से ओशिवरा के सर्वे नंबर 33 के हिस्सा नंबर 8 के अलावा भी अवैध कागजात और फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी के दम पर सीटीएस नंबर 9, 33/10, 35/4, सीटीएस नंबर 13 और 15 समेत कुल 9,500 वर्ग मीटर जमीन हथिया ली गई। विवादित भूखंड पर मर्करी एवं मिलेनियम नामक बिल्डिंग बनाई जा रही है, जिनके ए और बी विंग में 208 फ्लैट बनाए गए हैं। हैरत की बात यह कि इस पूरे प्रकरण में बांबे हाईकोर्ट ने भूखंड के वारिसदार झुबेर इब्राहिम, हुमायूं अब्दुल रजाक, मसूद अब्दुल रजाक समेत मालिकाना हक रखने वाले कुल 21 लोगों के पक्ष में फैसला सुनाया था।
म्हाडा मुंबई बोर्ड के सीओ राधाकृष्णन सुब्रमनियन ने कहा कि पहले हम पहले मामले को समझेंगे। इसके बाद विभागीय जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए भूखंड के मूल मालिकों के साथ न्याय होगा।