मुंबई एनसीबी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने अपने खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करवाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाया है। वानखेड़े को पिछले साल मई में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिली थी। हाईकोर्ट द्वारा दी गयी ये अस्थायी राहत अभी भी बरकरार है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उसने समीर वानखेड़े के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच दिल्ली ट्रांसफर कर दी है। केंद्रीय एजेंसी ने तर्क दिया कि चूंकि कार्रवाही अब दिल्ली से हो रही है, इसलिए वानखेड़े को मामले में किसी भी राहत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
जस्टिस प्रकाश डी नाइक और जस्टिस नितिन आर बोरकर की खंडपीठ ने आज ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले के खिलाफ पिछले सप्ताह दायर वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई की। वानखेड़े ने अंतरिम आवेदन दायर कर मांग की थी कि जांच को ईडी की दिल्ली यूनिट को ट्रांसफर नहीं किया जाना चाहिए।
वहीँ, केंद्रीय एजेंसी की ओर से कोर्ट में तर्क दिया कि जांच प्रशासनिक कारणों से मुंबई से दिल्ली ट्रांसफर कर दी गई थी। इस मामले से संबंधित सारे कागजात दिल्ली भेज दिये गये हैं और अब मुंबई में कुछ नहीं है।
हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई अब गुरुवार (15 फरवरी) को सीबीआई की एफआईआर के खिलाफ वानखेड़े की याचिका के साथ करेगी। बता दें कि मुंबई एनसीबी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े पर आर्यन खान को कॉर्डेलिया क्रूज शिप ड्रग्स मामले में नहीं फंसाने के एवज में सुपरस्टार शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। इसी को लेकर वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने केस दर्ज किया है और जांच कर रही है। हालांकि, वानखेड़े ने आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि 2021 के कॉर्डेलिया क्रूज मामले में एक्शन लेने की वजह से उन्हें फंसाया जा रहा है।