उन्होंने कहा, “यू इडियट। सावरकर के बारे में बोलने के लिए आपकी क्या हैसियत है, जो जेल में बंद थे और इतनी पीड़ा से गुजरे थे?” उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए लड़ने वाले राष्ट्रीय नायकों की आलोचना करना अनुचित है क्योंकि सभी के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं।
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ठाकरे ने दावा किया कि सावरकर ने जो किया वह उनकी ‘रणनीति’ का हिस्सा था। मनसे प्रमुख ने कहा, “रणनीति नाम की भी कोई चीज होती है। यहां तक कि ‘कृष्ण नीति’ भी कहती है कि ‘सर सलामत तो पगड़ी पचास’। शिवाजी महाराज ने भी अपने किले मिर्जा राजे को दिए थे। वे उपहार नहीं बल्कि एक रणनीति थी।” उन्होंने कहा, “ क्या राहुल गांधी का कद सावरकर के बारे में बुरा बोलने का है, जिन्हें 50 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी? जेल से बाहर आने की रणनीति नाम की कोई चीज होती है। इसे समर्पण या माफी कैसे कहा जा सकता है?” मनसे चीफ ने इस दौरान राहुल गांधी को बीएमसी चुनावों (BMC Election) के लिए तैयारी करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि अतीत के नेताओं और दिग्गजों पर लड़ने का कोई मतलब नहीं है। महाराष्ट्र में भारत यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया था कि सावरकर ने अंग्रेजों के पास दया याचिकाएं भेजी थी।
कांग्रेस ने किया पलटवार
मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर कांग्रेस ने पलटवार करने में देरी नहीं की और कहा कि वह अपना राजनीतिक रुख बदलते रहते हैं, इसलिए उन पर से लोगों का विश्वास उठ गया है। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा, “राज ठाकरे को राहुल गांधी की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है। मनसे राजनीतिक दल के रूप में समाप्त हो चुकी है।”
कांग्रेस ने किया पलटवार
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