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पुणे में 29 बंगलों पर चलेगा नगर निगम का बुलडोजर, पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन पड़ा महंगा

Pune News: एनजीटी के आदेश के खिलाफ बंगला मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई।

मुंबईAug 07, 2024 / 08:39 pm

Dinesh Dubey

पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करने वाले पुणे के 29 बंगलों पर जल्द ही नगर निगम का बुलडोजर चलने वाला है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के एक आदेश के बाद पिंपरी-चिंचवड नगर निगम (पीसीएमसी) उन 29 बंगलों को ध्वस्त करने की तैयारी कर रहा है। ये सभी बंगले इंद्रायणी नदी (Indrayani River) के किनारे अवैध रूप से बनाए गए थे।
बुलडोजर एक्शन को रोकने के लिए बंगला मालिकों ने एनजीटी (National Green Tribunal) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील की थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

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पीसीएमसी इंजीनियर मकरंद निकम ने कहा, “मामला पहले से ही एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में था। एनजीटी ने पहले ही ब्लू लाइन पर बने आवासीय भवनों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है और बंगला मालिकों से 5 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय क्षति मुआवजा (EDC) मांगा। इसलिए बंगला मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी।“
एनजीटी ने बंगले के मालिकों पर पर्यावरणीय क्षति की लागत के रूप में 5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता तानाजी गंभीरे (Tanaji Gambhire) ने इसकी शिकायत एनजीटी से की थी। उन्होंने प्रोजेक्ट रिवर विला (River Villa Project) के खिलाफ एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था। पर्यावरण कार्यकर्ता ने दावा किया था कि बंगले नदी के किनारे से सटे ब्लू लाइन क्षेत्र के आसपास बनाए गए है, जहां निर्माण गतिविधियों की अनुमति नहीं है।
मामले से जुड़े एक वकील बताया कि एनजीटी द्वारा दिया गया यह एक बेंचमार्क फैसला है। राज्य पर्यावरण विभाग ने अब तक नदी के ब्लू लाइन या रेड लाइन क्षेत्र में किसी भी निर्माण के लिए अनुमति नहीं दी है।

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