आज ‘सामना’ में शिवसेना ने मुख्य तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जुबानी हमला बोला है. सामना संपादकीय में लिखा गया है “हमारे प्यारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के पास एक अनजान बच्चे की तरह मासूम और निष्पाप मन है। जैसे किसी बच्चे को खिलौना आदि दिया जाता है तो वह अपनी ही धुनकी में मस्ती में बैठकर उसे खेलता रहता है। उस बच्चे का इससे कोई लेना-देना नहीं होता है कि उसके आसपास क्या हो रहा है। हमारे प्रधानमंत्री भी ठीक वैसे ही हैं।“
शिवसेना ने आगे कहा “नरेंद्रभाई ने दो दिन पहले एक मासूम और सच्चा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार विरोधी गतिविधियों के चलते राजनीति में एक नया ध्रुवीकरण शुरू हो गया है। भ्रष्टाचार के आरोपितों को बचाने के लिए कुछ राजनीतिक दल एक साथ आ रहे हैं। लेकिन मोदी के इस बयान को गंभीरता से लिया जाए या इसे एक अनजान बच्चे के शब्दों की तरह छोड़ दिया जाए, यह अलग सवाल है; लेकिन एक बात तो तय है कि बिहार से जैसे ही नीतीश कुमार ने बगावत का बिगुल फूंका और चुनौती दी, मोदी के मन में खलबली मच गयी।”
सामना (Saamana News) में शिवसेना ने कहा “नीतीश कुमार मोदी के विकल्प हो सकते हैं या नहीं, यह देखना अभी बाकी है, लेकिन बिहार से नीतीश ने बिगुल फूंकने का संदेश दूर-दूर तक जा चुका है। मोदी ने अब भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है।”
उनका कहना है कि नितीश, शरद पवार, ममता और हम यानि शिवसेना, तेलंगाना के केसी राव और अन्य हम सब भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए एक साथ आ रहे हैं! यह भ्रष्टाचार के समर्थन में राजनीतिक गुटबाजी है। किसी को मोदी को बताना चाहिए कि दूसरों पर उंगली उठाने पर तीन उंगलियां भी खुद की ओर इशारा करती हैं।