scriptSanjay Raut: शिवसेना सांसद संजय राउत को नहीं मिली राहत, मनी लॉन्ड्रिंग केस में 10 अक्टूबर तक बढ़ी हिरासत | Patra Chawl money laundering case Sanjay Raut did not get relief judicial custody extended till October 10 | Patrika News
मुंबई

Sanjay Raut: शिवसेना सांसद संजय राउत को नहीं मिली राहत, मनी लॉन्ड्रिंग केस में 10 अक्टूबर तक बढ़ी हिरासत

Sanjay Raut Case: ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और राउत की पत्नी तथा कथित सहयोगियों की संलिप्तता से हुई वित्तीय संपत्ति के लेनदेन से संबंधित है।

मुंबईOct 04, 2022 / 12:28 pm

Dinesh Dubey

Sanjay Raut ED Patra Chawl Money Laundering Case

संजय राउत को PMLA कोर्ट से लगा झटका

Patra Chawl Money Laundering Case: पात्रा चॉल पुनर्विकास घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं है. मंगलवार को एक विशेष अदालत ने राउत की हिरासत 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। इसके चलते राउत का दहशरा जेल में ही बीतेगा। विशेष धन शोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई 10 अक्टूबर को करेगी, साथ ही राउत की जमानत याचिका पर भी तभी सुनवाई होगी।
27 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी द्वारा दलील पेश करने के लिए समय मांगे जाने पर राउत की जमानत अर्जी पर सुनवाई 10 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में राज्यसभा सदस्य संजय राउत को 1 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। तब से वजह केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में है। उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले के सिलसिले में केंद्रीय एजेंसी संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से भी पूछताछ कर चुकी है।
वहीँ, राउत के वकील अशोक मुंदारगी का दावा है कि मुंबई उपनगर में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से राउत को जोड़ने के लिए रिकार्ड में कोई साक्ष्य नहीं है।

ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और राउत की पत्नी तथा कथित सहयोगियों की संलिप्तता से हुई वित्तीय संपत्ति के लेनदेन से संबंधित है।

क्या है पूरा मामला?

उत्तरी मुंबई के गोरेगांव में स्थित सिद्धार्थ नगर को पात्रा चॉल के नाम से जाना जाता है। 47 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में स्थित इस इलाके में करीब 672 घर हैं। महाराष्ट्र गृह निर्माण व क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने 2008 में चॉल का पुनर्विकास करने की परियोजना गुरु आशीष कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को सौंपी थी, जो हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है।
जीएसीपीएल को वहां लोगों के लिए 672 फ्लैट का निर्माण करना था और म्हाडा के लिए फ्लैट तैयार करना था तथा शेष भूमि को जीएसीपीएल के अपने विकास कार्यों के लिए निजी डेवलपर को बेचना था।
आरोप है कि कंपनी ने ना तो पात्रा चॉल को पुनर्विकसित किया और ना ही म्हाडा को सौंपा जाने वाला फ्लैट बनाया। इसके बजाय भूखंड अन्य बिल्डर को 1034 करोड़ रुपये में बेच दिए गए। पिछले महीने दायर ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कहा गया है कि इस मामले में संजय राउत मास्टरमाइंड हैं।

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