scriptNCP: ‘सत्ता के लिए पार्टी के आदर्शों की अनदेखी…’, शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने ऐसा क्यों कहा? | NCP leader Jayant Patil target Ajit Pawar says party ideal ignored for power | Patrika News
मुंबई

NCP: ‘सत्ता के लिए पार्टी के आदर्शों की अनदेखी…’, शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने ऐसा क्यों कहा?

Maharashtra Politics: जयंत पाटील ने अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी धड़े पर कटाक्ष किया है।

मुंबईJan 03, 2024 / 07:51 pm

Dinesh Dubey

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जयंत पाटिल और शरद पवार

Sharad Pawar: महाराष्ट्र की राजनीति में सीट शेयरिंग को लेकर एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के करीबी जयंत पाटील ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सत्ता हासिल करने पर ज्यादा ध्यान होने के कारण पार्टी के आदर्शों की अनदेखी हुई है।
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटील ने कहा कि एनसीपी लंबे समय तक राज्य की सत्ता में रही थी, इसलिए जिन सिद्धांतों पर पार्टी का गठन किया गया था उन पर बहुत कम जोर दिया गया। इसकी प्रमुख वजह अधिक ध्यान सत्ता पर देना था।
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अहमदनगर जिले के शिरडी में एनसीपी (शरद पवार गुट) के दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा कि पार्टी समाज सुधारकों छत्रपति साहू महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों पर मजबूती से टिकी हुई है।
उन्होंने कहा, “पवार साहब ने इस पार्टी को आदर्शों के आधार पर बनाया था, लेकिन चूंकि हम लंबे समय तक सत्ता में थे, इसलिए हमने आदर्शों को नजरअंदाज कर दिया और सत्ता पर ध्यान केंद्रित किया।” उन्होंने कहा कि यह साल संघर्ष का है और पार्टी कार्यकर्ताओं को इस वैचारिक लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार होना होगा।
जयंत पाटील ने अजित पवार की अगुवाई वाले गुट पर कटाक्ष करते हुए कहा, “जब हम सत्ता में थे, तो हमने आदर्शों पर ध्यान केंद्रित करने पर बहुत कम जोर दिया, यही वजह है कि कुछ लोग बिना इस पर विचार किए अलग-अलग सिद्धांतों की ओर चले गए।”
बता दें कि वरिष्ठ नेता शरद पवार ने 1999 में एनसीपी पार्टी बनायीं और तब से 2014 तक एनसीपी महाराष्ट्र की सत्ता में थी। फिर पांच साल के बाद 2019 में महाविकास आघाडी (एमवीए) के जरिये एनसीपी राज्य सरकार का हिस्सा बनी। लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार जून 2022 में गिर गयी। क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत हुई और पार्टी दो धड़ों में बंट गयी। इसके बाद एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। इस सियासी उथलपुथल के एक साल बाद जुलाई 2023 में एनसीपी भी विभाजित हो गई, जब पार्टी के दिग्गज नेता अजित पवार और पार्टी के 8 अन्य विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए।

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