जानकारी के मुताबिक, अकोले के एनसीपी विधायक किरण लहामटे उपमुख्यमंत्री अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। लेकिन बाद में लहामटे ने वरिष्ठ नेता शरद पवार को अपना समर्थन जताया और मुंबई में वाईबी सेंटर में हुई बैठक में शामिल हुए। लेकिन बीती रात वह फिर पलट गए और अजित पवार के खेमे में शामिल हो गए। खबर है कि एनसीपी नेता ने अजित दादा को समर्थन जताने वाले कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किये।
कहा जा रहा है कि अजित पवार ने अहमदनगर जिले के अपने सबसे भरोसेमंद सहयोगी बालासाहब जगताप को किरण लहामटे को वापस अपने पाले में लाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसके बाद जगताप ने तीन दिनों तक अकोला में डेरा डाला और सफल हो गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, किरण लहामटे के बाद अब अहमदनगर जिले के कोपरगाव विधायक आशुतोष काले भी अजित पवार को समर्थन का हलफनामा भेजने वाले है। इसके बाद से अहमदनगर के छह में से चार विधायक अब अजित पवार के साथ हैं।
अजित पवार के शपथ ग्रहण के दौरान डॉ. लहामटे उनके साथ थे। उन्होंने समर्थन जताने वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किये। हालांकि, अगले दिन वह शरद पवार के पास लौट गए। उन्होंने आरोप लगाया कि अजित पवार खेमे ने उन्हें बरगला कर हस्ताक्षर करा लिया। जबकि कोपरगाव के काले विदेश में थे, इसलिए उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं थी।
कहा जा रहा है कि बालासाहेब जगताप ने लहामटे को बड़ी मुश्किल से अजित खेमे में शामिल किया है। दरअसल लहामटे मानने के लिए राजी नहीं थे, लेकिन कई दिनों तक जगताप ने लाहमटे से संपर्क बनाये रखा। इस बीच वे उनसे मिलने-जुलने से भी कतराने लगे। घर पर रुकने के बजाय अज्ञात स्थानों पर रुके। आख़िरकार शनिवार की रात विधायक लहामटे मुंबई आने को तैयार हो गए और आधी रात के करीब उन्होंने अजित पवार से मुलाकात की।
इसके बाद अब अहमदनगर जिले से रोहित पवार और प्राजक्त तनपुरे को छोड़कर एनसीपी के चार विधायक अजित पवार के साथ चले गए हैं। सिर्फ विधायक ही नहीं बल्कि अन्य पदाधिकारी भी अजित पवार से मुलाकात कर रहे हैं। हालांकि, एनसीपी के जिला अध्यक्ष राजेंद्र फालके वरिष्ठ नेता शरद पवार के साथ हैं।