15 दिन पहले बढ़ाई गई थी सुरक्षा
एनसीपी नेता को 15 दिन पहले ही जान से मारने की धमकी मिलने के बाद वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। एसआरए प्रोजेक्ट से जुड़े विवाद को लेकर उनकी हत्या होने की संभावना जताई जा रही है। फ़िलहाल मुंबई पुलिस की कई टीमें जांच में जुटी है।सीने और पेट में मारी गोली
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, तीन हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी पर तीन गोलियां चलाईं, जो उनके सीने और पेट में लगी। फायरिंग के बाद उन्हें तुरंत पास के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन उनकी मौत हो गई। इस घटना की खबर मिलते ही सिद्दीकी के समर्थक अस्पताल के बाहर जुट गये है। खुद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस लीलावती अपस्ताल पहुंचे है।सिद्दीकी मुंबई के बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे हैं। वह पहली बार 1999 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद उन्हें 2004 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल हुई। वह 2004 से 2008 तक कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार में राज्य मंत्री के पद पर रहे थे। विधायक बनने से पहले वह दो बार पार्षद चुने गए थे। बाबा सिद्दीकी पहली बार 1992 में मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के पार्षद चुने गए। 1997 के बीएमसी चुनाव में भी उन्हें सफलता मिली।