कई पनडुब्बियों की सेवा अवधि समाप्त
नौसेना के सूत्रों के अनुसार सिंधु श्रेणी की कई पनडुब्बियों की सेवा अवधि समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद मजबूरी में उनकी सेवा ली जा रही है। रूस में इस तरह की पनडुब्बियां नहीं बनाई जा रही हैं। जर्जर हो चुकीं पनडुब्बियों की छोटी-मोटी रिपेयरिंग विशाखापतनम में होती है जबकि कोई बड़ी परेशानी होती है तो इन्हें मरम्मत के लिए रूस भेजना पड़ता है।
नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि हमें आधुनिक हथियार प्रणाली वाली नई पनडुब्बियों की आवश्यकता है। नौसेना की सामरिक आवश्यकता के हिसाब से पनडुब्बियों की कमी है। जरूरत पूरी करने के लिए सरकार ने 6 पनडुब्बियों के ऑर्डर दिए हैं। इनमें से अभी तक 2 पनडुब्बी-कल्वरी और खंडेरी मिली हैं जबकि 4 पनडुब्बियां मिलनी बाकी हैं। कुछ पनडुब्बियां मझगांव डॉक में तैयार हो रही हैं, जिनके जल्द ही नौसेना में शामिल होने की उम्मीद है।
‘सिंधु’ श्रेणी की 10 पनडुब्बियां 1986 से 2000 के बीच एक-एक कर नौसेना में शामिल की गईं। इनमें से 6 पनडुब्बियां मुंबई में थीं, जिनमें से एक पनडुब्बी 2013 में विस्फोट के बाद समुद्र में डूब गई। तीन पनडुब्बियों की 1997 से 2005 के बीच रिपेयरिंग कराई गई। तीन पनडुब्बियों की दूसरी बार मरम्मत बेहद जरूरी है। रूस से आवश्यक कलपुर्जे नहीं मिले तो यह पनडुब्बियां सेवा से हटानी पड़ सकती हैं।
पनडुब्बी कब मिली इसके पहले मरम्मत
सिंधु घोष अप्रेल, 1986 2002-2005
सिंधु वीर अगस्त, 1988 1997 -1999
सिंधु रत्न दिसंबर, 1988 2001 -2003
सिंधु ध्वज जून, 1987 —–
सिंधु राज अक्टूबर, 1987