माथेरान में कार चालक ने खोया नियंत्रण, सड़क किनारे पलटी अर्टिगा, 2 टूरिस्ट बाल-बाल बचे
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चारों अलग-अलग घोड़ों पर सवार थे। मृतक काशिफ जिस घोड़े पर सवार था, वह घोड़ा अचानक दौड़ने लगा, जिसके परिणामस्वरूप काशिफ नियंत्रण खो बैठा और घोड़े पर से गिर गया। पथरीले जगह पर ग्गिरने की वजह से काशिफ के सिर में गंभीर चोटें आई थी। तत्काल उन्हें माथेरान नगर परिषद संचालित बीजे अस्पताल (Matheran BJ Hospital) ले जाया गया। हालत गंभीर होने की वजह से काशिफ को उल्हासनगर के सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।सदमे में पीड़ित परिवार
पुलिस ने फ़िलहाल एक्सीडेंटल डेथ का मामला दर्ज किया है। माथेरान के सहायक पुलिस निरीक्षक शेखर लवे (Shekhar Lavhe) ने कहा, “पीड़ित को घोड़े वाले की तरफ से हेलमेट आदि सुरक्षा गियर नहीं दिया गया था, जिससे यह दुखद दुर्घटना को रोका जा सकता था। हम मृतक के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योकि अभी वह बयान देने के हालत में नहीं है। परिवार के बयान के बाद आपराधिक मामला दर्ज कर घोड़ा संचालकों/मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
पर्यटकों की सुरक्षा से खिलवाड़!
कई एक्टिविस्ट माथेरान हिल स्टेशन आने वाले पर्यटकों के लिए सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे है। घुड़सवारी के दौरान हेलमेट अनिवार्य करने की मांग उठाई गई है, लेकिन फिर प्रशासन के नाक के नीचे पर्यटक बिना हेलमेट के घोड़ों की सवारी कर रहे हैं।
पहले भी हुए है ऐसे हादसे!
हाल के वर्षों में ऐसी कई घटनायें हुई है जो माथेरान में खतरनाक तरीके से कराई जा रही घुड़सवारी को उजागर करती है। दिसंबर 2010 में अभिनेता-निर्माता मनीष आचार्य (Manish Acharya) की घोड़े से गिरने के बाद सिर में गंभीर चोट लगने से मौत हुई थी। वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ माथेरान में छुट्टियां मनाने आये थे। अप्रैल 2015 में माथेरान में सात वर्षीय ब्रिटिश नागरिक की मौत बेकाबू घोड़े से गिरने की वजह से हुई थी। जबकि फरवरी 2016 में कुर्ला निवासी नीलम सिंह (32) की माथेरान में घोड़े से गिरने से जान चली गई थी। वर्तमान में पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र माथेरान में लगभग 460 घोड़े और 94 हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शा हैं।