वसई पूर्व के मुंबई-अहमदाबाद महामार्ग से चार किलोमीटर संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर तुंगारेश्वर पहाडिय़ों की तलहटी में बना तुंगारेश्वर महादेव मंदिर। सावन माह के दोरान हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। पहले पहर में भगवान तुंगारेश्वर महादेव के रुद्रभिषेक व आरती के साथ मंदिर के कपाट खोले जाते हैं। मंदिर के साथ कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं। मान्यताओं के मुताबिक मंदिर का उद्गम आदिकाल में हुआ था। इसी मंदिर के समीप से एक नदी भी बहती है, जिसका नाम तुंगारेश्वर नदी है, जो पहाड़ों से नीचे मंदिर प्रांगण को स्पर्श करती हुई नीचे के तरफ बहती है। मंदिर के ऊपरी हिस्से में परशुराम कुंड है, जो वर्ष भर शुद्ध जल से भरा रहता हैं।