इसके बाद हॉस्पिटल के चिकित्साधीक्षक डॉ राजेश मोरे ने बताया कि वह पिछले एक सप्ताह से छुट्टी पर हैं और लौटने के बाद मामले की जांच करेंगे। एचआईवी विभाग के कई मामले सामने आए हैं। एचआईवी विभाग में जहां कर्मचारियों के साथ मरीजों को बैठने के लिए व्यवस्था की गई है, वहां की लाइट एवं फैन काफी दिनों से बंद हैं। जिसके चलते कर्मचारियों और मरीजों को गर्मी के समय में बिना पंखे के ही बैठना पड़ता है।
बता दें कि एचआईवी विभाग के कर्मचारियों के मुताबिक, लाइट और पंखा बंद होने की शिकायत अस्पताल से की गई है, लेकिन अब तक इस मामले में कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। 100 बेड के हॉस्पिटल में 200 बेड लगाए जाने के लिए पीडब्ल्यूडी इंजीनियर के साथ स्थानीय विधायक रईस शेख ने हॉस्पिटल का दौरा किया था।
इस दौरान हॉस्पिटल से निकलते समय एक मरीज ने विधायक रईस शेख से शिकायत कर दी कि हॉस्पिटल में जांच के लिए पैसे की डिमांड की जाती हैं और मरीजों को प्राइवेट लैब में टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है। मरीज की शिकायत के बाद विधायक रईस शेख जब दोबारा हॉस्पिटल में गए, तो वहां जांच केंद्र में शहर के प्राइवेट लैब के कर्मचारी बैठे थे, जो मरीजों का सेंपल ले रहे थे। विधायक की शिकायत पर हॉस्पिटल में बैठे प्राइवेट लैब के 2 कर्मचारियों के खिलाफ शांतिनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करा दिया गया है।