हालांकि दूसरी तरफ बीएमसी ने अटल सामाजिक संस्था के आवेदन को मंजूरी दे दी है, जो स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता से संबंधित है। कोरोना काल के बाद यह पहला साल है जब मुंबई में त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है। वहीं, दशहरा के दौरान शिवसेना के गुटों में झड़प देखने को मिली थी। दिवाली के एक हफ्ते बाद छठ पूजा मनाया जाना है और इसको लेकर बीजेपी और एनसीपी के बीच घमासान शुरू हो गया हैं।
बता दें कि इस मामले पर बीजेपी के प्रवक्ता भालचंद्र शिरसत ने कहा कि अटल सामाजिक संस्था ने स्थानीय पुलिस, यातायात पुलिस और मुंबई फायर ब्रिगेड को नो अब्जेक्सन सर्टिफिकेट (NOC) दिया। जिसकी वजह से बीएमसी ने इस संस्था को छठ पूजा आयोजित करने की इजाजत दे दी हैं। यह संस्था छठ पूजा के लिए मैदान के जमीन का महज 30 प्रतिशत हिस्से का ही इस्तेमाल करेगी। हम किसी के भी खिलाफ नहीं हैं। अन्य संगठन मैदान के अन्य हिस्सों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमने मैदान की फीस भी भरी है।
वहीं, दूसरी तरफ एनसीपी नेता राखी जाधव के नेतृत्व वाले दुर्गा परमेश्वर मंडल ने भी जुलाई में उसी मैदान में छठ पूजा को आयोजित करने के लिए बीएमसी में आवेदन किया था। इस मंडल को बीएमसी ने सशर्त इजाजत दी थी। लेकिन मंडल ने स्थानीय पुलिस, यातायात पुलिस और फायर ब्रिगेड को एनओसी जमा नहीं कर सका। जिसकी वजह से बीएमसी ने एनसीपी नेता राखी जाधव के नेतृत्व वाले दुर्गा परमेश्वर मंडल को छठ पूजा आयोजित करने के लिए इजाजत नहीं दिया है। बीएमसी ने इस संबंध में राखी जाधव को एक लेटर लिखकर यह जानकारी दी है।