बता दें कि मार्च 2001 में संजय पांडे ने आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट नामक एक कंपनी को शामिल किया। लिमिटेड ने एनएसई का सुरक्षा ऑडिट उस समय के आसपास किया था जब कथित तौर पर को-लोकेशन में गड़बड़ी हुई थी। साल 2006 में संजय पांडे के निदेशक के पद से हटने के बाद, उनके बेटे और मां ने कंपनी की जिम्मेदारी ले ली। सीबीआई के मुताबिक, तत्कालीन शीर्ष एनएसई प्रबंधन ने साल 2009 और 2017 के बीच अपने कर्मचारियों के फोन को अवैध रूप से टैप करने के लिए इस कंपनी के साथ प्लान बनाया था।
इस पुरे मामले में सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई, पुणे, सहित कई राज्यों में आरोपियों के 18 परिसरों की तलाशी ली। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कथित तौर पर संजय पांडे के परिवार द्वारा नियंत्रित कंपनी को भुगतान रसीदें, आवाज के नमूने और रिकॉर्डिंग के मूल टेप, सर्वर और दो लैपटॉप जिसमें 4 एमटीएनएल लाइनों पर फोन टैपिंग के सबूत बरामद किए। सीबीआई और ईडी एक शीर्ष कारोबारी पत्रकार की भूमिका की भी जांच में जुटी है, जिसने कथित तौर पर इस कंपनी को एनएसई अनुबंध हासिल करने में मदद की थी।
वहीं इससे पहले संजय पांडे से सीबीआई ने समन भेजकर पूछताछ की थी। पांडे से सीबीआई ने लगभग छह घंटे तक पूछताछ की थी। मार्च 2022 में संजय पांडे को मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। उन्होंने हेमंत नगराले को रिप्लेस कर उनकी जगह ली थी।