हालांकि, ऐसा लग रहा है कि प्रशासन कार्रवाई करने में विफल नजर आ रही है क्योंकि इनकार करने की संख्या और शिकायतों की आवृत्ति में वृद्धि जारी है। यातायात विभाग ने 15 अगस्त से एक अभियान शुरू किया है। जिसके तहत डमी यात्रियों (डिकॉय) को तैनात करने की एक नई रणनीति भी बनाई गई है, जो ऑटो चालकों छुट्टे देने से मना करते है या अतिरिक्त पैसे वसूलते हैं।
बता दें कि इस मामले पर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक (यातायात) रमेश भामे ने कहा कि जागरूकता पैदा करने के बाद भी इनकार करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है, जिसके चलते हमने एक स्पेशल अभियान शुरू किया है। इस अभियान को शुरू करने के लिए डमी यात्रियों को शामिल करने के लिए तैयार किया गया है। बड़ी संख्या में लोग उन्हें अपने गंतव्य तक ले जाने के लिए ऑटो-रिक्शा पर निर्भर हैं लेकिन चालकों द्वारा जाने से इनकार करने पर दिक्कत होती है।
मोटर वाहन नियमों के मुताबिक, एक ऑटो चालक अगर एक यात्री को यात्रा करने से मना कर रहा है तो उसप पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर वो ऑटो चालक दोबारा पकड़ा गया तो उसे दोहरा जुर्माना भरना पड़ सकता है। मोटर वाहन नियमों के मुताबिक, एक ऑटो चालक अगर एक यात्री को यात्रा करने से मना कर रहा है तो उसप पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर वो ऑटो चालक दोबारा पकड़ा गया तो उसे दोहरा जुर्माना भरना पड़ सकता है। रमेश भामे ने आगे कहा कि यात्रियों को मना करने पर यात्री पास में उपलब्ध ट्रैफिक पुलिस से मदद ले सकते हैं। इसके अलावा राज्य वेब पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा सकती है या हमारे हेल्पलाइन नंबर 7710012897 पर कॉल किया जा सकता है। जो ऑटो चालक अगर मना कर रहा है तो उसके ऑटो की तस्वीर लेकर शिकायत दर्ज की जा सकती है।
बता दें कि दोनों शहर में 10,000 से अधिक ऑटो-रिक्शा हैं, हालांकि, इसमें से सैकड़ों वैध परमिट, वैध सीएनजी सिलेंडर और यहां तक कि फिटनेस प्रमाण पत्र को इंगित करने के लिए अनुपालन प्लेट्स चला रहे हैं। कई लोगों ने अपने अधिकृत जीवन काल 16 वर्ष को पार कर लिया है, लेकिन वे अभी भी काम कर रहे हैं।