शिक्षा मंत्री तावड़े ने बताया कि यह समिति ‘सभी स्कूलों में मराठी अनिवार्य’ के बारे में सकारात्मक चर्चा और विचार-विमर्श के बाद संबंधित कानून का प्रारंभिक मसौदा तैयार करेगी। इस मसौदे को तैयार करते समय, अन्य राज्यों में स्थानीय, क्षेत्रीय भाषाओं के अध्ययन का भी गहराई से अध्ययन किया जाएगा। उसके बाद आधिकारिक मसौदा सरकार की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा। इस संबंध में आम लोगों के सुझाव, प्रतिक्रिया और आपत्तियां भी मंगाई जाएंगी।
सात जून को हुई थी बैठक
उल्लेखनीय है कि ‘मराठी की भलाई के लिए’ मंच के तहत 24 साहित्यकारों और मराठी संस्थाओं ने मराठी भाषा के विकास-विस्तार के लिए कुछ मांगे सरकार से की हैं। उनकी मांगों को सरकार ने सकारात्मक तौर पर लिया। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मराठी भाषा और स्कूल शिक्षा मंत्री की उपस्थिति में सात जून को एक बैठक हुई थी।