जलाना के अंतरवाली सराटी में मनोज जरांगे 10 फरवरी से अनशन पर बैठे है। रविवार दोपहर में उन्होंने आंदोलन की आगे की रणनीति का खुलासा किया। इस दौरान बोलते-बोलते मनोज जरांगे आक्रामक हो गए और अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद वह सीधे मुंबई में डिप्टी सीएम फडणवीस के आवास सागर बंगले के लिए निकल पड़े। हालांकि उनके सहयोगियों ने उन्हें समझाने का भरसक प्रयास किया।
इस घटना के बाद पूरे जालना में हड़कंप मच गया है। मनोज जरांगे ने कहा है कि वह भूख हड़ताल पर मरने से बेहतर फडणवीस के दरवाजे पर जाएंगे। उन्होंने फडणवीस पर उनकी हत्या कराने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
बीजेपी और फडणवीस की कड़ी आलोचना करने के बाद वह तुरंत मुंबई के लिए पैदल रवाना हो गए। कमजोरी के कारण मनोज जरांगे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। इस बीच, मुंबई की ओर जाते समय उन्हें कमजोरी के कारण चक्कर आने लगे तो वह गाड़ी में बैठकर आगे बढे। लेकिन, वह सागर बंगले पर जाने की जिद पर अड़े हुए हैं। ग्रामीण और मराठा कार्यकर्ता उन्हें समझाने की अभी भी कोशिश कर रहे हैं।
जरांगे ने कहा, ‘‘पिछले साल जालना में विरोध प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज को लेकर फडणवीस को माफी मांगनी पड़ी थी जिससे उन्हें तगड़ा झटका लगा, इसलिए वह मराठा आरक्षण आंदोलन को विफल करना चाहते हैं। दुर्भाग्य से बीजेपी के कुछ मराठा नेता भी फडणवीस का साथ दे रहे है और मुझे बदनाम करने में मदद कर रहे।’’
उन्होंने कहा, सलाइन के जरिये जहर देकर मुझे खत्म करने की योजना थी। इसलिए मैंने सलाइन लेना बंद किया.. मेरा एनकाउंटर करवाने का भी प्लान था। इन सबके के पीछे फडणवीस ही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे या उपमुख्यमंत्री अजित पवार नहीं, बल्कि फडणवीस चला रहे हैं। अगर मैं मर जाऊं तो मेरा शव उनके घर के सामने रख देना। अगर मुझे मारना ही है तो मैं सीधे सागर बंगले पर आ जाता हूँ, मुझे खत्म कर दो, पुलिस से गोली मारवा दो।
उधर, जरांगे के मुंबई आने की खबर मिलते ही फडणवीस भी तुरंत मुंबई के लिए रवाना हो गए है। फडणवीस आज सतारा के दौरे पर थे। जरांगे के बेहद आक्रामक रुख अपनाने के बारे में जब पत्रकारों ने फडणवीस से पूछा तो उन्होंने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी। फडणवीस ने कहा कि मैंने उनका बयान अभी तक नहीं सुना है।
मालूम हो कि मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे पिछले 15 दिनों से जालना में अनशन कर रहे है। हालांकि वह पिछले सात-आठ महीने से मराठा आरक्षण को लेकर संघर्ष कर रहे है। जरांगे पूरे मराठा समाज के लिए ओबीसी कोटे में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। हालाँकि, जरांगे से चर्चा किए बिना सरकार ने एक विशेष सत्र बुलाकर मराठा समुदाय को अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण देने का अध्यादेश पारित किया। इससे कुछ मराठा कार्यकर्ता सरकार के समर्थन में उतर आये है, लेकिन जरांगे प्रदर्शन कर रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानमंडल ने 20 फरवरी को सर्वसम्मति से एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने वाला विधेयक पारित किया। हालांकि मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को कोटा देने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।