कोर्ट जाएंगे मराठा!
इस बीच, इस मामले पर बोलते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि हम ओबीसी भाइयों के बच्चों का बुरा नहीं चाहते है। हम गरीबों के बच्चों की थाली में मिट्टी नहीं डालना चाहते। हालाँकि, अगर वह (छगन भुजबल) हमारे अन्न में मिट्टी डालेगा, तो मजबूरन मुझे ओबीसी आरक्षण को कोर्ट में चुनौती देनी होगी। क्योंकि उनकी कोई भी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की गई है। हमें इसे सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाना होगा। इसलिए देश में उनका पूरा 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण रद्द किया जा सकता है। जरांगे ने कहा, केवल छगन भुजबल की वजह से इतने सारे लोगों का नुकसान हो सकता हैं।
छगन भुजबल की नियत खराब- जरांगे
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अगस्त से लगातार आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे ने कहा, छगन भुजबल का सपना था कि मराठा समुदाय को आरक्षण के दायरे में नहीं आने दिया जाए। अब हम दो करोड़ मराठों को आरक्षण तक ले गए हैं। जो कुछ बच गए है वह भी आरक्षण के दायरे में आ जाएंगे। इससे वह पागल हो गया है। उसे लग रहा है कि उसका कुछ चल नहीं रहा है। उसकी नियत ख़राब है। हमारे इरादे बुरे नहीं हैं। हमें लगता है कि अगर गरीब ओबीसी का कल्याण हो रहा है तो होने दीजिए। लेकिन, वह ऐसा नहीं हैं, वह पागल हो गया हैं, इस वजह से मैं ओबीसी भाईयों से अनुरोध करता हूं कि वे उसका साथ नहीं दे।