विदित हो कि माफियाओं की सक्रियता से बिजली चोरी में प्रति माह 15 से 20 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ता है। सूत्रों के मुताबिक कुल खपत की आठ प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है। इस हिसाब से महावितरण को 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिजली चोरी हो रही है। इस चोरी को रोकने के लिए महावितरण ने कमर कस ली है। इसे रोकने के लिए, महावितरण ने बिजली नियंत्रण दस्ते का गठन किया है। इस दस्ते ने तीन महीने में 500 से ज्यादा बिजली चोरी के मामलों का खुलासा किया है। इस कार्रवाई के तहत 1.75 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया है।
नालासोपारा पूर्व में संतोष भुवन, धानिव बाग और नायगांव में बिजली की चोरी अधिक मात्रा में हो रही है। इसलिए महावितरण की व्यवस्था और चौकस बनाई जा रही है। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बिजली चोरी रोकने के उपाय के निर्देश दिए गए हैं। जो भी लोग बिजली चोरी करते हुए पकड़े जा रहे हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।
रफीक शेख, मुख्य अभियंता