मौसम विभाग (IMD) की मानें तो कम दबाव का क्षेत्र और चक्रवाती मौसम राज्य में बारिश को प्रभावित कर रहा है। बीते दो दिनों में विदर्भ में गरज-चमक के साथ बारिश हुई। विदर्भ को छोड़कर राज्य के कुछ हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर एक या दो बार तेज बारिश देखी गई। सोमवार को भी विदर्भ के सभी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।
आज के बाद विदर्भ में भी वातावरण शुष्क होने का अनुमान है। कोंकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में गुरुवार तक हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। प्रदेश में मानसून के कमजोर पड़ने के चलते बारिश का आंकड़ा औसत से नीचे रहा है. जबकि मराठवाड़ा में अगस्त महीने में 71.7 प्रतिशत तक बारिश की कमी दर्ज हुई है। अगस्त के शेष दिनों में मानसून ब्रेक के कारण आंकड़ों में और गिरावट आने की संभावना है।
अगस्त की शुरुआत में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले दो महीनों की भविष्यवाणी करते हुए बताया था कि इन दो महीनों के दौरान औसत बारिश होगी। चूंकि अगस्त में औसत से कम बारिश हुई है, इसलिए सितंबर में इस कमी की भरपाई संभव है। अगस्त के आखिरी सप्ताह में दक्षिण कोंकण और विदर्भ में बारिश में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि अनुमान है कि इसका दायरा सितंबर में बढ़ेगा।
वर्तमान में अल नीनो (El Nino) का प्रभाव बढ़ रहा है। अब तक समुद्र का तापमान बढ़ रहा था। हालांकि, अब वातावरण की हवा भी गर्म होने लगी है। परिणामस्वरूप बादल बनने और बारिश पर भी असर पड़ेगा। वहीं आईओडी (Indian Ocean Dipole) पॉजिटिव हो रहा है। इससे भारत में बारिश को मजबूती मील सकती है। इसलिए, इस बात पर मौसम विशेषज्ञों का अधिक ध्यान है कि ये दोनों कारक आने वाले समय में वर्षा को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।