शिवसेना ने सामना के संपादकीय में शिंदे-फडणवीस सरकार की आलोचना की है। साथ ही हिंदुत्ववादी सोच पर सवालिया निशान खड़ा किया है। सरकार की यह कहकर आलोचना की गई है कि हिंदुत्व के राज्य में फूल केवल मंत्रियों के लिए हैं। शिर्डी का भी माहौल यही कह रहा है। सीएम को अपने डिप्टी के साथ जल्द ही दिल्ली जाना चाहिए और शिर्डी के हार और फुल को लेकर निर्णय लेना चाहिए ऐसा भी शिवसेना ने कहा है। तब तक साईं बाबा को भक्तों को शांत रहने का ज्ञान देना चाहिए।
शिवसेना ने कहा कि नए हिंदुत्व राज में भगवान सूखे रहेंगे। शिवसेना ने कहा कि हमारे राज्य में हिंदुत्व के नाम पर बहुत नौटंकी चल रही हैं और इसी वजह से देवताओं और संतों के दरबार में शोर मच रहा है। सभी धर्मों के संत और आस्था के स्तंभ साईं बाबा के शिरडी में माला, फूल, नारियल उठाने को तैयार नहीं हैं।
सामना में कहा गया कि कोरोना के दौरान मोदी सरकार के आदेश पर ही मंदिरों को बंद कर दिया गया था। मंदिर प्रतिबंध का फतवा केंद्र सरकार ने दिया था, लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा ‘ठाकरे’ सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही थी। मंदिर खुले हैं इसे लेकर छाती पीट रहे थे, शिवसेना ने कहा कि ‘सब कुछ बंद’ का फतवा आपकी मोदी सरकार का था ना?
गौरतलब है कि इससे पहले शिवसेना ने सामना के जरिए महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था। साथ ही कहा था कि गणपति बप्पा देश को निर्भय बना दो, देश की जनता की आपसे आज यही दुआ है। सामना में शिवसेना ने कहा था कि एक तरफ महंगाई और दूसरी तरफ सरकार के जुल्म से देश का दम घुट रहा है।