इसी पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को विधानसभा में एक महत्वपूर्ण घोषणा की। इसके मुताबिक राज्य में प्याज किसानों को अब 300 रुपये प्रति क्विंटल प्याज पर बोनस दिया जायेगा। इस फैसले से राज्य के प्याज किसानों को राहत मिलने की संभावना है।
सोमवार को सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष ने सरकार से किसानों के सवालों का जवाब मांगने के लिए हाथों में गाजर लेकर विधान भवन की सीढ़ियों पर धरना दिया। उसके बाद सदन का कामकाज शुरू होते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्याज किसानों के लिए एक अहम ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्याज पर न्यूनतम आधार मूल्य लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि यह जल्दी खराब हो जाता है। महाराष्ट्र में प्याज एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है। घरेलू मांग, निर्यात जैसे कारक प्याज की कीमत को प्रभावित करते हैं। इन सब वजहों से इस साल प्याज की कीमत में भारी गिरावट आई है।
सीएम शिंदे ने कहा, हमने प्याज किसानों को राहत देने के लिए एक कमेटी नियुक्त की। इस कमेटी ने व्यापक विचार के बाद प्याज उत्पादकों को 200-300 रुपये के अनुदान की सिफारिश की गई थी। चूंकि हमारी सरकार किसानों का साथ देने वाली सरकार है, इसलिए किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल का अनुदान देने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। 2016 में हमने प्याज किसानों को 100 रुपये का बोनस दिया, 2017 में यह 200 रुपये थी। इसे अब बढ़ाकर सीधे 300 रुपये कर दिया गया है। नाफेड से प्याज की खरीद भी शुरू हो गई है। जहां, साढ़े दस रुपये का रेट किसानों को मिल रहा है। इन सबके चलते प्याज उत्पादक किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।