महाराष्ट्र के इस 70 सदस्यीय दल के मुखिया श्रीरामपुर-महाराष्ट्र निवासी देवीदास वाकचौरे ने बताया कि उन्होंने 5.89 लाख रुपए जमा कर 70 तीर्थ यात्रियों के हेली टिकट आनलाइन बुक कराए थे। लेकिन, शुक्रवार को हेली कंपनी पवन हंस के ऑफिस में पहुंचने पर पता चला कि सारे टिकट नकली हैं। इस मामले में पूछने पर कंपनी की तरफ से उन्हें गढ़वाल मंडल विकास निगम के बुकिंग काउंटर पर जाने को कहा गया। वहां भी जाने पर टिकट नकली बताया गया। इस पर उन्होंने साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
वहीं, दूसरी तरफ पवन हंस के बेस मैनेजर अनिल उप्रेती ने बताया कि कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर साफ-साफ लिखा है कि केदारनाथ यात्रा के लिए कंपनी कोई भी टिकट बुक नहीं करती हैं। इसलिए धोखाधड़ी करने वालों से सतर्क रहें। कंपनी की तरफ से भी इस घटना की शिकायत पुलिस से की जा चुकी है।
हेली टिकट के नाम पर की जा रही ठगी: बता दें कि तीर्थ यात्रियों को ठगे जाने की इस घटना से केदारघाटी के बिजनेसमैन में भी शासन-प्रशासन को लेकर काफी आक्रोश है। स्थानीय निवासी नितिन जमलोकी ने बताया कि इतना वक्त बीत जाने के बाद भी हेली टिकटों की आनलाइन ठगी पर कोई कंट्रोल नहीं किया जा रहा हैं। बता दें कि इसका असर स्वाभाविक रूप से यात्रा पर भी पड़ेगा। जबकि, पुलिस का मानना है कि हेली टिकट के नाम पर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं। इनमें से कुछ ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा चुकी है।