मौसम विभाग ने सोमवार को बताया कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के की वजह से मॉनसून प्रभावित होगा। इसके चलते चक्रवाती हवाएं मॉनसून के केरल तट की ओर आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
आईएमडी के मुताबिक, अगले 48 घंटे मॉनसून के केरल में आगे बढ़ने के लिहाज से बेहद अहम हैं। इसके बाद केरल में मॉनसून के दस्तक देने की तारीख का पता चलने की उम्मीद है। जहां तक महाराष्ट्र का संबंध है, मॉनसून के 10 जून या उससे पहले राज्य में पहुंचने की संभावना नहीं है।
आईएमडी के अनुसार, महाराष्ट्र में अगले 2-3 दिनों में कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ में गरज के साथ बारिश की संभावना है। हालांकि अगले 4-5 दिनों तक विदर्भ के कुछ जिलों में लू चलने की संभावना है। आम तौर पर महाराष्ट्र में मानसून सात से 10 जून के बीच पहुंचता है, लेकिन पिछले साल यह 11 जून को पहुंचा था। महाराष्ट्र के तल कोंकण में मॉनसून के दस्तक देने के बाद 15 जून के आसपास मुंबई में मानसून की एंट्री हो सकती है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आम तौर पर एक जून को केरल में प्रवेश करता है। मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि मॉनसून चार जून तक केरल में आ सकता है। केरल में मॉनसून पिछले साल 29 मई को, 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।
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