दरअसल कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष बालासाहेब थोराट के रिश्तेदार सुधीर तांबे पिछले तीन कार्यकाल (18 वर्ष) से महाराष्ट्र विधान परिषद में नासिक डिवीजन स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और पार्टी ने उन्हें फिर से नामित किया था। लेकिन उन्होंने चुनाव से हटने की घोषणा करते हुए अपने बेटे सत्यजीत को चुनाव लड़वाया। जिसके बाद सत्यजीत तांबे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया।
चौतरफा किरकिरी होने के बाद कांग्रेस ने तांबे को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। जबकि कांग्रेस ने उनके पिता तथा 18 साल से विधान परिषद सदस्य सुधीर तांबे को भी निलंबित कर दिया। जिसके बाद तांबे के कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ जाने की चर्चा होने लगी थी।
बैकफुट पर आई कांग्रेस!
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, नासिक में जीते सत्यजीत तांबे हमारे ही हैं। हम पार्टी आलाकमान से अनुरोध करेंगे कि महाभारत भूलकर सत्यजीत तांबे को कांग्रेस में वापस लिया जाये। उन्होंने दावा किया कि महाविकास आघाडी (MVA) पांच में से चार सीटों पर सफल हुई है। वडेट्टीवार आज शिरडी के साईंबाबा के दरबार दर्शन करने पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में यह बात कही।
उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने बागी तांबे का निलंबन रद्द करने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, “मैंने पहले भी कहा कि हाईकमान इस मुद्दे पर फैसला लेगा। उनका निलंबन हाईकमान स्तर पर हुआ है। इसलिए, हाईकमान के फैसले के बारे में बात करना सही नहीं होगा।”
इससे पहले महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि यह तांबे पर निर्भर करेगा कि वह बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं या नहीं। बता दें कि कांग्रेस के नाम का इस्तेमाल नहीं करने के बावजूद भी सत्यजीत तांबे ने निर्दलीय के रूप में नासिक स्नातक सीट आसानी से जीत ली।