विधानसभा में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री ने अंतर्राज्यीय सीमा विवाद में मध्यस्थता की है। इस मुद्दे पर अब राजनीति नहीं होनी चाहिए। हमें सीमावर्ती निवासियों के साथ एक साथ खड़ा होना चाहिए। दरअसल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने मांग की थी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों की दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर हाल ही में हुई बातचीत को सार्वजनिक किया जाए।
सनसनीखेज दावा करते हुए कि एकनाथ शिंदे ने कहा “हमें पुलिस से यह जानकारी मिली है कि इसके सीमावर्ती गांवों के अलग होने की इच्छा जताने के पीछे किन पार्टियों का हाथ है। हमने वहां के लिए वह सब किया है जो बीते कई सालों में नहीं हुआ है।”
एमवीए सरकार पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा “कल ही 48 गांवों के लिए 2000 करोड़ की योजना को मंजूरी दी गई। आपने ढाई साल में सीमा पर रहने वालों के लिए योजनाएं बंद कर दी हैं। उनका अनुदान रोक दिया। सीमा पर रहने वालों के बारे में आप क्या कहोगे हमें?”
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, विपक्ष के नेता द्वारा उठाया गया सीमा विवाद का मुद्दा महत्वपूर्ण है। देवेंद्र फडणवीस और मैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास गए। पहली बार देश के गृहमंत्री ने ऐसे मामले में दखल दी है। मध्यस्थता की है। आपको इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री को बधाई देनी चाहिए थी।
उन्होंने आगे कहा “हमने अमित शाह से कहा कि यह महाराष्ट्र की अस्मिता का मसला है। हमने महाराष्ट्र का ठोस पक्ष रखा।“हमने गृह मंत्री को बताया कि महाराष्ट्र के वाहनों को रोका जा रहा, आगजनी हो रही है। इस एक्शन पर रिएक्शन हो सकता है। इसके बाद इन घटनाओं को रोकने के लिए गृहमंत्री ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बात की। उन्होंने दोनों जगहों के लोगों को परेशानी नहीं हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए कहा। इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री शाह खुद मीडिया के सामने आए और बैठक की जानकारी दी। अमित शाह ने सीमा मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाया है। उन्हें बधाई दी जानी चाहिए थी।“