महाराष्ट्र की मालामाल कर देने वाली ‘सोन्या’ भेड़! कीमत 55 लाख रूपये, सिर्फ शावक 10-15 लाख में बिके
40 से ज्यादा रेसिंग बैल
पनवेल के विहिघर के रहने वाले पंढरीनाथ फडके को बैलगाड़ी दौड़ का बड़ा शौक है। यदि महाराष्ट्र में कहीं भी बैलगाड़ी दौड़ होती थी तो वह उस स्थान पर हाजिर रहते थे। इसके अलावा उनके पास 40 से अधिक रेसिंग बैल भी थे। सरकार द्वारा बैलगाड़ी दौड़ पर प्रतिबंध लगाने के बाद पंढरीनाथ फडके ने इसे फिर शुरू करवाने का प्रयास किया था।
अनोखी थी स्टाइल
जिस स्थान पर बैलगाड़ी की दौड़ आयोजित होती थी, वहां पंढरीनाथ फडके धमाकेदार एंट्री करते थे। उनके गर्दन गले, हाथ और शरीर पर इतना सोना होता था कि सबकी नजर उन पर टिक जाती थी। इसलिए उन्हें महाराष्ट्र का गोल्डमैन भी कहा जाता था।
‘नंबर वन बैल सिर्फ पंढरीसेठ की’
पंढरीनाथ फडके दौड़ में जीतने वाले बैल पर नजर रखते थे। फिर उस बैल को मुंह मांगी कीमत पर खरीद लेते थे। उन्होंने लाखों रुपये देकर एक ऐसा ही विजयी बैल खरीदा था।
बैलगाड़ी रेसिंग से था प्यार
पंढरीसेठ के पास महाराष्ट्र में अव्वल माने जाने वाले बादल बैल था, जिसने 11 लाख रुपये की रेस जीती थी। इससे पता चलता है कि उन्हें बैलगाड़ी रेसिंग और बैलों से कितना प्यार था।