एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) मुख्य घटक हैं। कांग्रेस ने स्पष्ट कहा है कि एमवीए गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद की जाएगी। इसके बाद एनसीपी (एससीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि एमवीए में मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला महाराष्ट्र चुनाव के बाद किया जाएगा। इसको लेकर एमवीए में कोई विवाद नहीं है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने की उम्मीद है।
कांग्रेस के बाद शरद पवार ने भी कहा ‘नो’
बुधवार को कोल्हापुर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा, “हमारे गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है। चुनाव के बाद हम इस पर विचार करेंगे और निर्णय लेंगे। हमें अभी बहुमत नहीं मिला है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमें बहुमत मिलेगा। एक बार चुनाव खत्म हो जाए तो हम मिलकर मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर चर्चा करेंगे।” पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने आगे कहा, “ऐसा पहले भी कई बार हुआ है जब कोई पार्टी या गठबंधन बिना किसी चेहरे के चुनाव में उतरा है। और चुनाव के बाद सरकार चलाने के लिए किसी को चुना गया है। उदाहरण के तौर पर 1977 में आपातकाल के तुरंत बाद हुए चुनावों में किसी को भी प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाया गया, सबसे आगे जयप्रकाश नारायण का नाम था और चुनाव हुए तो जब प्रधानमंत्री चुनने की बात आई तो मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री चुना गया, इसलिए मेरा मानना है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा चुनने की जरूरत नहीं है… चुनाव के बाद हम सब एक साथ बैठेंगे और जनता के बहुमत के आधार पर आपस में विचार-विमर्श करके मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा चुनेंगे।“
बैकफुट पर आई उद्धव सेना
शरद पवार के इस बयान के बाद उद्धव गुट बैकफुट पर आ गया। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “जनता के मन में जो चेहरा है जनता उसे ही मुख्यमंत्री बनाएगी… पवार साहब की बात पूरी तरह से ठीक है.. कौन कितनी सीटें जीत रहा है यह बाद में तय होगा, लेकिन यह तय है कि एमवीए को बहुमत मिल रहा है। हमारा पहला काम है इस भ्रष्ट सरकार को हटाना। उसके बाद हम मुख्यमंत्री के चेहरे पर कभी भी चर्चा कर सकते हैं।”
दिल्ली जाने पर भी नहीं बनी बात
बता दें कि उद्धव खेमे की तरह से कई बार सीएम पद को लेकर चुनाव लड़ने की वकालत की गई. पिछले महीने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे दिल्ली दौरे पर गए थे। तब उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और ‘इंडिया’ गठबंधन के कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। उद्धव के दिल्ली दौरे को लेकर बीजेपी नेताओं ने दावा किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह एमवीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो।
पिछले महीने एमवीए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला पहले किया जाना चाहिए न कि चुनाव में सबसे अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी के हिसाब से यह तय होना चाहिए। लेकिन अब कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) दोनों ने उनके इस बयान को नजरअंदाज कर दिया है।