मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिव छत्रपति की कसम देकर किसानों से आत्महत्या नहीं करने की अपील की है। अपने पत्र में एकनाथ शिंदे ने लिखा “महाराष्ट्र सेनानियों का है। यह आप जैसे मेहनती किसानों का है, इसीलिए आंखों में तेल डालकर भारत की सीमा की रखवाली करने वाले सैनिकों का जन्म महाराष्ट्र के किसानों से हुआ है। जमीन पर अपना पसीना बहाकर मिले अन्न से आप अपना ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की देश की भूख मिटाने का काम करते है, इसलिए इस मराठी धरती पर अगर किसी का पहला अधिकार है तो वह आप किसान भाइयों का है।“
पत्र में उन्होंने आगे लिखा “लेकिन, जब अचानक प्राकृतिक, पारिवारिक, आर्थिक संकट आता है, तो आपको देखकर मेरा दिल दुखी हो जाता है, आप में से कुछ किसान कई संकटों से उबरते हुए थक जाते हैं और दुनिया से मुंह मोड़ लेते हैं और आत्महत्या का रास्ता अपना लेते हैं। जिसे देखकर मेरा दिल एक आम मेहनती परिवार के आदमी और महाराष्ट्र के प्रबंधक होने के नाते बेहद दुखी हो जाता है। मुझे लगता है कि मैंने अपने ही परिवार से किसी को खो दिया है।”
पत्र में मुख्यमंत्री भावनात्मक अपील करते हुए किसानों से आगे कहते हैं, “याद रखना मेरे किसान भाइयों, अगर आप हैं तो यह छत्रपति शिवराय का महाराष्ट्र है। आपका जीवन इतना सस्ता नहीं है कि किसी पेड़ पर लटका दिया जाए। आप हमारी संपत्ति हैं। माननीय शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे हमेशा गांवों में शिवसैनिकों से कहते थे कि ‘रोओ मत, लड़ो।’
उन्होंने किसानों से आत्महत्या नहीं करने की अपील करते हुए लिखा “मैं शिव छत्रपति की कसम देता हूं, आप अपने कीमती जीवन को ऐसे मत खत्म करिए। आत्महत्या मत करिए। मैं आप की तरह ही एक साफ मन का सीधा-सादा इंसान हूं। मैं आपका दर्द समझता हूं। मंथन करता हूँ। मैं आपको इस स्वर्गीय संकट से, इस साहूकार दुष्चक्र से बाहर निकालने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं। आत्महत्या में हार है और संघर्ष में जीना एक शानदार सफलता है।”
हालात बेहतर होने का विश्वास दिलाते हुए सीएम ने कहा “निश्चिंत रहें कि मैं और मेरी सरकार चौबीसों घंटे आपके लिए आपके साथ हैं… आइए जान देना बंद करें, एक-दूसरे को जीवन दें। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस पत्र के माध्यम से किसानों को आश्वासन दिया है कि आइए नए सूरज की नई किरणों को गांठों में बांधें और हम सब मिलकर इस छत्रपति शिवराय के महाराष्ट्र को नए सिरे से बनाएं।”