पक्ष और विपक्ष की पूर्व की गठबंधन वाली सरकारों में मंत्री रहे राज्य के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन पाटिल के दलबदल की चर्चा है। पाटिल कांग्रेस में रहते हुए मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे, लेकिन सियासी समीकरण बदलने के बाद वह बीजेपी में चले गए।
बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल सतारूढ़ महायुति गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर इंदापुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते है, लेकिन महायुति के सीट शेयरिंग फार्मूले के तहत इंदापुर की सीट से मौजूदा विधायक दत्ता भरणे ही उम्मीदवार होंगे। यानी हर्षवर्धन पाटिल को इंदापुर से उम्मीदवारी मिलना लगभग असंभव है। इसलिए हर्षवर्धन पाटिल जल्द ही शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो सकते है।
अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के महायुति में शामिल होने के बाद से राज्य में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। लिहाजा, विधानसभा चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले महायुति के नेताओं के बीच होड़ मची हुई है।
महायुति ने तय किया है कि वें सिटिंग विधायकों को ही टिकट देने में प्राथमिकता देंगे, इसलिए सहयोगी दलों के नेताओं ने टिकट पाने के लिए दलबदल शुरू कर दी हैं। कोल्हापुर के कागल में एनसीपी (अजित पवार) नेता हसन मुश्रीफ मौजूदा विधायक हैं, इसलिए समरजीत सिंह घाटगे को कागल से विधानसभा का टिकट नहीं मिल पता। इसीलिए उन्होंने बीजेपी छोड़कर शरद पवार की एनसीपी (एसपी) का दामन थाम लिया। संभावना है कि हर्षवर्धन पाटिल भी यही फैसला लेंगे। खबर है कि पाटिल सीनियर पवार के गुट के नेताओं के संपर्क में है।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति बनाम महाविकास आघाडी (MVA) का मुकाबला है। विपक्षी गठबंधन एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) मुख्य घटक हैं। जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी शामिल हैं। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।